Tarrif Bomb: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 देशों पर नए टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का ऐलान किया है. इनमें म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक 40 फीसदी शुल्क लगाया गया है. ये नए व्यापारिक नियम 1 अगस्त से लागू होंगे. ट्रंप ने सोमवार को दक्षिण कोरिया, जापान, म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान और मलेशिया से आयात होने वाले उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की.
इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत एक व्यापार समझौते के बेहद करीब पहुंच चुके हैं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने एक साथ 14 देशों पर नए टैरिफ लागू करने की घोषणा की है. ट्रंप ने कहा, “हमने यूनाइटेड किंगडम और चीन के साथ डील कर ली है, और अब हम भारत के साथ डील के बहुत करीब हैं.” यह बयान व्यापारिक रिश्तों को लेकर अमेरिका की रणनीति में भारत की अहमियत को दर्शाता है.
14 देशों को भेजे गए टैरिफ नोटिस
ट्रंप ने जानकारी दी कि अमेरिका ने बांग्लादेश, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों समेत कुल 14 देशों को नए टैरिफ संबंधी पत्र भेजे हैं. ये नए शुल्क 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे. उन्होंने कहा, “जिन देशों से डील नहीं बन पाई, उन्हें हमने सीधा पत्र भेज दिया है जिसमें बताया गया है कि अब उन्हें कितने टैरिफ चुकाने होंगे.”
टैरिफ में थोड़ी राहत की संभावना
हालांकि, ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि अमेरिका कुछ मामलों में टैरिफ में राहत देने पर विचार कर सकता है यदि संबंधित देश इसके लिए उचित कारण प्रस्तुत करें. उन्होंने कहा, “अगर किसी देश के पास ठोस कारण हैं, तो हम थोड़ा समायोजन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे.”
भारत के साथ क्यों है व्यापार समझौता अहम?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 200 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है. भारत के आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों को अमेरिकी बाज़ार में नई संभावनाएं दिख रही हैं, वहीं अमेरिका को भारत में रक्षा, तकनीक और सेवा क्षेत्रों में विस्तार का अवसर मिल रहा है.
ट्रंप का यह बयान भारत के लिए सकारात्मक संकेत है कि अमेरिका अभी भी भारत को एक भरोसेमंद व्यापार साझेदार के रूप में देख रहा है, जबकि अन्य देशों पर सख्त रुख अपनाया गया है.
जहां एक तरफ अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ लगाकर अपनी आक्रामक व्यापार नीति को आगे बढ़ाया है, वहीं भारत को लेकर ट्रंप की नरमी और बातचीत का इशारा यह दिखाता है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच कोई बड़ा व्यापारिक समझौता हो सकता है. इससे न सिर्फ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों की आर्थिक रणनीति को भी बल मिलेगा.
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