इंश्योरेंस पॉलिसी से 5 लाख से अधिक की कमाई पर लगेगा टैक्स, नियम बदला

आयकर विभाग ने साल में पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाले जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली आमदनी की कैलकुलेशन के लिए नया नियम निर्धारित किया है. यह प्रावधान उन बीमा पॉलिसियों के लिए है, जिसमें प्रीमियम की रकम पांच लाख रुपये से अधिक है.

By KumarVishwat Sen | August 17, 2023 12:00 PM
an image

नई दिल्ली : जीवन बीमा के लिए सालाना पांच लाख के प्रीमियम पर पॉलिसी की परिपक्वता पर होने वाली आमदनी पर अब बीमाधारकों को टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा. इसका कारण यह है कि आयकर विभाग ने पांच लाख रुपये से अधिक सालाना प्रीमियम वाले जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता से होने वाली कमाई की कैलकुलेशन के लिए नियमों में बदलाव कर दिया है. आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए एक बयान में यह कहा गया है कि जो बीमाधारक साल में अपनी पॉलिसी के तहत पांच लाख रुपये से अधिक के प्रीमियम का भुगतान करते हैं और पॉलिसी की परिपक्वता पर उससे उन्हें जो कमाई होती है, उस पर अब विभाग की ओर से बीमाधारक को आयकर से छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा.

नियम-11 यूएसीए के तहत होगा कैलकुलेशन

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, आयकर विभाग ने साल में पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाले जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली आमदनी की कैलकुलेशन के लिए नया नियम निर्धारित किया है. इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से आयकर अधिनियम (16वां संशोधन)-2023 को अधिसूचित किया गया है. सीबीडीटी की ओर से नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार, जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता पर हासिल होने वाली रकम के संबंध में आमदनी के कैलकुलेशन के लिए नियम-11 यूएसीए निर्धारित किया गया है.

एक अप्रैल 2023 से लागू होगा नया नियम

आयकर विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह प्रावधान उन बीमा पॉलिसियों के लिए है, जिसमें प्रीमियम की रकम पांच लाख रुपये से अधिक है और ऐसी पॉलिसी​​ एक अप्रैल 2023 या उसके बाद जारी की गई हैं. इसका मतलब यह कि जीवन बीमा पॉलिस के प्रीमियम से होने वाली आमदनी पर आयकर विभाग का नया नियम एक अप्रैल 2023 से लागू होगा.

कौन करेगा टैक्स का भुगतान

आयकर अधिनियम में संशोधन के अनुसार, एक अप्रैल 2023 या उसके बाद जारी की गई पॉलिसी के लिए धारा 10(10डी) के तहत परिपक्वता पर होने वाले लाभ पर आयकर से छूट केवल तभी मिलेगी, जब किसी व्यक्ति की तरफ से भुगतान किया गया कुल प्रीमियम सालाना पांच लाख रुपये तक हो. इस सीमा से अधिक प्रीमियम के लिए हासिल होने वाली रकम को उसकी आमदनी से जोड़ा जाएगा और फिर उसके बाद उस आमदनी पर लागू दर के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा.

किसे मिलेगी टैक्स से छूट

बता दें कि एक फरवरी को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए आम बजट के दौरान यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) को छोड़कर जीवन बीमा पॉलिसियों के संबंध में कर प्रावधान में बदलाव की घोषणा की गई थी. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के संयुक्त भागीदार (कॉरपोरेट और अंतरराष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित ने कहा कि फॉर्मूले के अनुसार परिपक्वता पर प्राप्त होने वाली कोई भी अधिशेष राशि पर ‘अन्य स्रोतों से आय’ (टीडीएस) की श्रेणी के अंतर्गत कर लगेगा. हालांकि, बीमाधारक की मृत्यु होने पर प्राप्त होने वाली रकम के लिए कराधान प्रावधान को नहीं बदला गया है और वह पहले की तरह आयकर से मुक्त होगा.

Also Read: प्रभात खास: LPG जीवन बीमा फ्री, दुर्घटना में मृत्यु पर मिलते हैं 6 लाख, फिर भी 5 साल में एक भी दावेदार नहीं

जीवन बीमा का प्रीमियम क्या है

जीवन बीमा प्रीमियम वह राशि है, जो पॉलिसीधारकों की ओर से एक निर्दिष्ट अवधि के लिए भुगतान की जाती है और उन्हें जीवन बीमा लाभों का फायदा लेने देती है. कोई भी व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने प्रीमियम भुगतान मोड का चयन कर सकता है. जीवन बीमा प्रीमियम की गणना करते समय आयु एक महत्वपूर्ण कारक है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version