आईआईएचआर ने संकर Tomato को किया है विकसित
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीएआर के तहत बेंगलुरु स्थित एक संस्थान की ओर से विकसित टमाटर की दो संकर किस्में भविष्य में टमाटर के संकट से बचा सकती हैं. इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि टमाटर के इस संकर किस्म को बड़े पैमाने पर अपनाने के साथ इसकी खेती के रकबे को बढ़ाना होगा. टमाटर की इस संकर किस्म को भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) की ओर से विकसित किया गया है.
21 दिनों तक खराब नहीं होता यह संकर Tomato
दावा यह किया जा रहा है कि संकर टमाटर की किस्में अर्का रक्षक और अर्का अभेद की सेल्फ लाइन तीन हफ्ते हैं और यह 21 दिनों तक खराब नहीं होता. इसकी खासियत यह है कि मानसून की भारी बारिश में सप्लाई चेन बाधित होने के बाद भी इसे कई दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है. आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने का कहना है कि हमने टमाटर की एक ऐसी किस्म विकसित की है, जिसकी सेल्फ लाइफ (खराब नहीं होने का समय) तीन हफ्ते है. हमें इन किस्मों के तहत रकबे को बढ़ाने की जरूरत है.
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सात हजार हेक्टेयर में उगाया जाता है अर्का रक्षक संकर Tomato
आईआईएचआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक चंद्रशेखर सी के अनुसार, साल 2012 में विकसित भारत का पहला ट्रिपल रोग प्रतिरोधी टमाटर एफ-1 हाइब्रिड अर्का रक्षक फिलहाल 7,000 हेक्टेयर में उगाया जाता है. इस हाइब्रिड तकनीक का लाइसेंस 11 कंपनियों को दिया गया है. इनके बारे में अनुमान है कि साल 2012-22 के दौरान बीज की बिक्री से इनका कारोबार 3,600 करोड़ रुपये रहा है. तीन साल पहले जारी अर्का अभेद्य तीन हफ्ते की लंबी सेल्फ लाइफ देता है और दूरदराज के बाजारों के अनुकूल है. टमाटर की ये दोनों किस्में लीफ कर्ल वायरस, बैक्टीरियल विल्ट और अर्ली ब्लाइट सहित कई बीमारियों के लिए प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं.
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