यहां समझें क्या है ड्रोन खेती
ड्रोन गूगल की मदद से खेत का नक्शा बनाता है, फिर उसके बाद कीटनाशकों का खुद छिड़काव करता है. दवा खत्म होने की स्थिति में या फिर बैट्री खत्म होने की स्थिति में ड्रोन वापस अपनी जगह पर लौट आता है.
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किसानों को क्या होगा लाभ
ड्रोन की मदद से कीटनाशक का छिड़काव करने से किसान खेत में जाने से बचेंगे. जिससे दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव से किसान बच जाएंगे. ड्रोन से दवा के छिड़काव से समय की बचत होगी और कम दवा में ही अधिक क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव हो जाएगा. जिन खेतों में पानी भरे होते हैं, उसमें ड्रोन से दवा का छिड़काव फायदेमंद साबित होगा.
पहले चरण में सरकार गंगा के किनारे प्राकृतिक जैविक खेती को बढ़ावा देगी
सीतारमण ने बताया कि सरकार पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे देश में प्राकृतिक जैविक खेती को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि किसानों को डिजिटल और ‘हाई-टेक’ सेवाएं देने के लिए सरकार निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियों और कृषि मूल्य श्रृंखला के अंशधारकों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों की भागीदारी में पीपीपी आधार पर एक योजना शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक शून्य बजट और जैविक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
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