यूपीआई को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पेमेंट सिस्टम को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, “कोई भी सिस्टम तब तक टिकाऊ नहीं हो सकता, जब तक उसकी लागत की पूर्ति न हो. अभी सरकार ही सब्सिडी के जरिए खर्च उठा रही है, लेकिन यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं चल सकती.”
भारत में तेजी से बढ़ रहा यूपीआई का इस्तेमाल
यूपीआई का इस्तेमाल भारत में तेजी से बढ़ रहा है. पिछले दो वर्षों में यूपीआई ट्रांजैक्शन्स में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है. फिलहाल, प्रतिदिन 60 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन यूपीआई के माध्यम से हो रहे हैं. सरकार ने डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए अब तक इसे मुफ्त रखा, लेकिन अब आरबीआई की नजर इस सेवा को आत्मनिर्भर बनाने पर है.
यूपीआई यूजर्स को देना होगा चार्ज
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यूपीआई ट्रांजेक्शन पर अगर चार्ज लगाया भी जाता है तो वह मामूली होगा, ताकि आम यूजर्स पर ज्यादा बोझ न पड़े. आरबीआई की मंशा यूपीआई को पूरी तरह से आर्थिक रूप से टिकाऊ बनाना है, न कि इससे मुनाफा कमाना कोई उद्देश्य है. इससे भविष्य में यह सेवा निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी.
एमडीआर नीति पर सरकार का फैसला बाकी
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) पर अंतिम निर्णय सरकार के हाथ में है. एमडीआर वह शुल्क है, जो व्यापारी बैंकों को भुगतान करते हैं, जब ग्राहक उनके स्टोर पर कार्ड या यूपीआई से भुगतान करते हैं. वर्तमान में सरकार ने यूपीआई और रुपे कार्ड ट्रांजैक्शन पर एमडीआर को शून्य रखा है, लेकिन इसमें बदलाव की संभावनाएं बनी हुई हैं.
डिजिटल भुगतान का भविष्य और सरकारी भूमिका
संजय मल्होत्रा ने जोर दिया कि सरकार और आरबीआई डिजिटल भुगतान को आसान, सुरक्षित और सुलभ बनाना चाहते हैं. लेकिन, इसके लिए एक ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें सभी हितधारकों की आर्थिक भागीदारी हो. उन्होंने कहा, “किसी न किसी को खर्च उठाना ही होगा.” इससे स्पष्ट है कि भविष्य में सरकार सब्सिडी कम कर सकती है और यूज़र्स या व्यापारी वर्ग को शुल्क वहन करना पड़ सकता है.
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फ्री यूपीआई सेवा पर मंडरा रहा खतरा
आरबीआई गवर्नर का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले समय में यूपीआई से लेन-देन मुफ्त नहीं रह सकता. हालांकि, चार्ज मामूली हो सकता है, लेकिन यह परिवर्तन डिजिटल भुगतान की दिशा में एक बड़ा मोड़ होगा. इससे जुड़े सभी पक्षों को अब इस संभावना के लिए तैयार रहना होगा. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के संकेत से यह भी साफ है कि अब आपको किसी भी सूरत में यूपीआई से पेमेंट करने पर पैसों का भुगतान करना ही होगा. अन्यथा, आपको नकदी लेनदेन करना होगा.
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