1 अगस्त से लागू किए जाएंगे नए नियम
1 अगस्त 2025 से लागू होने वाले नए नियमों के अनुसार, फ्री UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट तय होगी. अब एक दिन में कितनी बार आप UPI से बैलेंस चेक कर सकते हैं या लेनदेन कर सकते हैं, इसकी एक सीमा तय की जाएगी. बार-बार छोटे ट्रांजैक्शन या बैलेंस इन्क्वायरी पर अतिरिक्त चार्ज लग सकता है.
पीक-आवर्स में नहीं चेक कर सकते यूजर्स बैलेंस
NPCI ने सुबह 10 बजे से 1 बजे तक और 5 बजे से रात 9:30 बजे तक को ‘पीक आवर्स’ बताया है. इन समय में API अनुरोधों को सीमित किया जाएगा. अगर आप इस दौरान कई बार अपना बैंक बैलेंस चेक करते हैं या ट्रांजैक्शन स्टेटस देखते हैं तो बैंक आपको ‘Try again later’ का मैसेज दे सकता है. NPCI का कहना है कि इस दौरान जरूरी लेनदेन को प्राथमिकता मिले. यूजर एप पर कई बार बैलेंस न चेक करे, इसके लिए बैंक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर ट्रांजैक्शन के बाद यूजर को बैलेंस की जानकारी मिले. नेटफ्लिक्स, प्राइम या SIP, इंश्योरेंस जैसे सर्विसेज के लिए UPI ऑटोपे का उपयोग करने वाले यूजर्स को यह सुविधा केवल नॉन-पीक आवर्स में ही मिल सकती है. यानी सुबह 10 बजे से 1 बजे तक और शाम के 5:30 से 9 बजे तक यह सुविधा यूजर्स को नहीं दी जाएगी. NPCI के अनुसार, हर ऑटोपे मेनडेट के लिए एक ही बार प्रयास होगा और उस पर अधिकतम 3 बार तरी किया जा सकता है, लेकिन ये सभी तरी भी TPS लिमिट और नॉन पीक टाइम में भी मान्य होंगे.
फैसला लेने की वजह
पिछले कुछ महीनों में 90 सेकंड से ज्यादा की देरी की शिकायतें आने और UPI सिस्टम के क्रैश होने पर कुछ लोगों ने UPI पर चार्ज लगाने की मांग की जिससे इसकी सेवा बेहतर हो सके. हालांकि NPCI ने चार्ज लगाने से इनकार कर दिया लेकिन पीक टाइम पर लिमिट लगाना शुरू कर दिया है.
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आम यूजर्स पर इसका असर
अगर आप दिन में कई बार UPI ऐप खोलकर बैलेंस चेक करते हैं, तो अब इसके लिए आपको सोच-समझकर काम करना होगा. नई व्यवस्था के बाद बार-बार बैलेंस देखने या छोटे ट्रांजैक्शन करने पर शुल्क देना पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि यूजर्स अपनी आदतों में बदलाव लाएं और UPI का इस्तेमाल अधिक सोच-विचार कर करें.
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