UPI ट्रांजैक्शन के नियमों में बड़ा बदलाव, जानें 1 अप्रैल से आपके वॉलेट पर क्या असर होगा

UPI Rule Change: 1 अप्रैल 2025 से UPI ट्रांजैक्शन के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. जानें इन नए दिशानिर्देशों का आपके वॉलेट, डिजिटल पेमेंट और लेनदेन पर क्या प्रभाव पड़ेगा

By Abhishek Pandey | March 18, 2025 9:30 AM
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UPI Rule Change:अगर आप UPI का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए यह जानकारी बेहद जरूरी है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ट्रांजैक्शन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम जारी किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे. इन बदलावों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है.

क्या है नया नियम?

NPCI के नए निर्देशों के अनुसार, बैंकों को उन मोबाइल नंबरों को अपने सिस्टम से हटाना होगा जो बंद हो चुके हैं या नए ग्राहकों को दोबारा असाइन किए गए हैं. यह कदम UPI ट्रांजैक्शन में होने वाली गलतियों को रोकने के लिए उठाया गया है.

हर हफ्ते होगा डेटा अपडेट

NPCI ने 16 जुलाई 2024 को हुई बैठक में यह फैसला लिया कि:

  • बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को अपने डेटा को साप्ताहिक रूप से अपडेट करना होगा.
  • इस प्रक्रिया में उन मोबाइल नंबरों की सूची को हटाया जाएगा जो अब बंद हो चुके हैं या किसी अन्य ग्राहक को दे दिए गए हैं.
  • इससे गलत नंबर पर ट्रांजैक्शन होने की संभावना कम हो जाएगी और सुरक्षा बढ़ेगी.

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UPI यूजर्स को क्या करना चाहिए?

NPCI के नए दिशानिर्देशों के चलते UPI यूजर्स को निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:

  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर अपडेट करें: यदि आपने हाल ही में अपना मोबाइल नंबर बदला है, तो तुरंत अपने बैंक और UPI ऐप में इसे अपडेट करें.
  • UPI ऐप्स के नोटिफिकेशन पर नजर रखें: UPI ऐप्स अब नंबर अपडेट के लिए स्पष्ट सहमति लेंगे. इसके लिए एक ‘ऑप्ट-इन’ विकल्प दिया जाएगा, जिससे उपयोगकर्ता की मंजूरी के बिना कोई बदलाव नहीं होगा.
  • बैंक से संपर्क करें: यदि आपका पुराना मोबाइल नंबर बंद हो गया है, तो तुरंत बैंक को इसकी सूचना दें ताकि आपके अकाउंट की सुरक्षा बनी रहे.
  • पैसे प्राप्त करने में रुकावट: यदि किसी ग्राहक का नंबर अपडेट नहीं होता है, तो उन्हें UPI के माध्यम से पैसे प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है.

बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नए निर्देश

NPCI ने बैंकों और UPI सेवा प्रदाताओं को इन नियमों को लागू करने के लिए 31 मार्च 2025 तक का समय दिया है.

1 अप्रैल 2025 से:

  • सभी बैंकों को NPCI को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी.
  • इस रिपोर्ट में कुल UPI आईडी, सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या, अपडेट किए गए मोबाइल नंबरों के माध्यम से हुए ट्रांजैक्शन और स्थानीय स्तर पर हल किए गए नंबर-बेस्ड ट्रांजैक्शन का विवरण शामिल होगा.

नए नियमों का असर

NPCI द्वारा लागू किए गए इन नए दिशानिर्देशों का सकारात्मक प्रभाव निम्न रूप से देखा जा सकेगा:

  • UPI ट्रांजैक्शन में सुरक्षा बढ़ेगी: गलत नंबर पर पैसे भेजने की घटनाओं में कमी आएगी.
  • धोखाधड़ी की घटनाएं कम होंगी: नंबर अपडेट प्रक्रिया के कारण स्कैम और फ्रॉड की आशंका कम होगी.
  • UPI का अनुभव बेहतर होगा: उपयोगकर्ता लेन-देन में अधिक सहजता और सुरक्षा महसूस करेंगे.

NPCI का उद्देश्य

NPCI का मुख्य उद्देश्य UPI ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और उपभोक्ता हित में अधिक सुविधाजनक बनाना है. नए नियमों के लागू होने के बाद डिजिटल पेमेंट सिस्टम और अधिक मजबूत व सुरक्षित हो जाएगा.

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