US Sanctions: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा की
“19 भारतीय कंपनियों के प्रतिबंध के बारे में – हमने अमेरिकी प्रतिबंधों की ये रिपोर्ट देखी हैं. भारत के पास रणनीतिक व्यापार और अप्रसार नियंत्रण पर एक मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा है. हम तीन प्रमुख बहुपक्षीय अप्रसार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं – वासिनार व्यवस्था, ऑस्ट्रेलिया समूह और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था के सदस्य भी हैं, और अप्रसार पर प्रासंगिक यूएनएससी प्रतिबंधों और यूएनएससी संकल्प 1540 को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं. हमारी समझ यह है कि प्रतिबंध, लेन-देन और कंपनियां भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं करती हैं. फिर भी भारत की स्थापित अप्रसार साख को ध्यान में रखते हुए हम सभी प्रासंगिक भारतीय विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर भारतीय कंपनियों को लागू निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के बारे में जागरूक करने और उन्हें लागू किए जा रहे नए उपायों के बारे में सूचित करने के लिए काम कर रहे हैं जो कुछ परिस्थितियों में भारतीय कंपनियों को प्रभावित कर सकते हैं “
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#WATCH | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "Regarding the sanction of 19 Indian companies – we have seen these reports of US sanctions. India has a robust legal and regulatory framework on strategic trade and non-proliferation controls. We are also a member of three key… pic.twitter.com/g1YVpytgBp
— ANI (@ANI) November 2, 2024
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी वित्त विभाग की ओर से जारी सूची में भारत की जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें आभार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डेनवास सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एमसिस्टेक, गैलेक्सी बियरिंग्स लिमिटेड, ऑर्बिट फिनट्रेड एलएलपी, इनोवियो वेंचर्स, केडीजी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और खुशबू होनिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इनके अलावा, लोकेश मशीन्स लिमिटेड, पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स, आरआरजी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, शार्पलाइन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, शौर्य एयरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीजी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को भी प्रतिबंधित सूची में रखा गया है.
इससे पहले बुधवार को अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को बढ़ावा देने के लिए लगभग 400 संस्थाओं एवं व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. बयान के मुताबिक, वैश्विक कर चोरी नेटवर्क को बाधित करने के अलावा इस कार्रवाई के तहत रूस के सैन्य-औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए प्रमुख सूचना और दूसरी सामग्री के घरेलू रूसी आयातकों और उत्पादकों पर भी निशाना लगाया गया है.
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