US Tariff: अमेरिका का फार्मा पर बड़ा हमला, ट्रंप ने भारत को दी 200% टैरिफ की चेतावनी

US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित BRICS देशों की दवा कंपनियों पर 200% तक टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. यह कदम 1 अगस्त 2025 से लागू हो सकता है, जिससे भारतीय फार्मा उद्योग पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है.

By Abhishek Pandey | July 9, 2025 1:06 PM
an image

US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 जुलाई को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका भारत सहित सभी BRICS देशों पर 10% टैरिफ लगाएगा. उन्होंने यह घोषणा 90 दिनों की टैरिफ राहत अवधि खत्म होने से एक दिन पहले की. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इससे भी कड़ा रुख अपना सकता था लेकिन वह फिलहाल “न्यायपूर्ण और संतुलित शुल्क” चुन रहा है.

फार्मा और तांबा उत्पादों पर विशेष जोर

ट्रंप ने संकेत दिया कि तांबे पर 50% टैरिफ लगाया जाएगा, जबकि फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर अगले डेढ़ साल के भीतर 200% टैरिफ तक लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों को अभी समय दिया जा रहा है, लेकिन अमेरिका इस क्षेत्र में और सख्ती करने को तैयार है.

1 अगस्त से प्रभावी होंगे नए शुल्क

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ के माध्यम से जानकारी दी कि 1 अगस्त 2025 से सभी टैरिफ प्रभाव में आ जाएंगे और किसी भी देश को छूट या विस्तार नहीं दिया जाएगा. सभी को इस तय तारीख तक शुल्क चुकाना होगा.

BRICS पर ट्रंप का आरोप

ट्रंप ने BRICS समूह पर आरोप लगाया कि यह संगठन अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और डॉलर को कमजोर करने के इरादे से बनाया गया है. उन्होंने इसे अमेरिका के हितों के खिलाफ बताया और कहा कि टैरिफ इसी सोच के खिलाफ अमेरिका की प्रतिक्रिया है.

डॉ. मनोरंजन शर्मा, चीफ इकोनॉमिस्ट, इन्फोमेरिक्स वैल्यूएशन एंड रेटिंग्स लिमिटेड, के अनुसार BRICS देशों ने हालिया समिट में टैरिफ और व्यापार प्रतिबंधों के बढ़ते उपयोग की आलोचना की थी. BRICS ने WTO के नियमों के खिलाफ जाकर अपनाए गए ऐसे कदमों को वैश्विक व्यापार और सप्लाई चेन के लिए खतरनाक बताया.

भारत के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि भारत को अपनी गैर-पक्षपाती कूटनीतिक नीति (Strategic Autonomy) बनाए रखते हुए वैश्विक मंचों पर संतुलन साधना होगा. एक ओर जहां BRICS भारत को आर्थिक सहयोग और विकास का मंच देता है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों से संबंध बनाए रखना भी भारत की प्राथमिकता है.

भारत की कूटनीति: अवसर और जोखिम दोनों

भारत, जो बहुध्रुवीय विश्व की पैरवी करता है, अब एक जटिल कूटनीतिक धुरी पर खड़ा है. BRICS के साथ जुड़ाव उसे दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) और विकास के नए अवसर देता है, लेकिन यदि BRICS को पश्चिम विरोधी मंच के रूप में देखा जाने लगा, तो यह भारत के पश्चिमी रणनीतिक साझेदारों जैसे अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ उसके संबंधों में तनाव ला सकता है. भारत के लिए यह समय “केस-बाय-केस” यानी मुद्दों के आधार पर निर्णय लेने का होगा, न कि किसी एक पक्ष को पूर्ण समर्थन देने का.

Also Read: ब्रिटेन के पूर्व PM ऋषि सुनक को गोल्डमैन सैक्स में मिली नौकरी, जानिए कितनी मिलेगी सैलरी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत का व्यापार वार्ताकार दल जल्द ही अमेरिका यात्रा कर सकता है. इसका उद्देश्य अमेरिका के साथ लंबित मुद्दों पर चर्चा और आपसी हित में व्यापारिक समझौते की संभावनाएं तलाशना है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

संबंधित खबर
vineetrelated_posts_newamp_1026_post_3582218
संबंधित खबर और खबरें

Business

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version