वायसराय पर गंभीर आरोप
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी राय में कहा कि वायसराय रिसर्च की रणनीति सूचीबद्ध कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन लेकर उनके खिलाफ भ्रामक और झूठी रिपोर्ट प्रकाशित करना रही है, ताकि अवैध रूप से लाभ कमाया जा सके. उन्होंने कहा कि वेदांता के खिलाफ प्रकाशित रिपोर्ट में “पोंजी स्कीम” और “परजीवी” जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे समूह की प्रतिष्ठा और व्यवसाय को नुकसान हो रहा है.
चुनिंदा गलत सूचना और निराधार आरोप: वेदांता समूह
वेदांता समूह ने वायसराय की रिपोर्ट को चुनिंदा गलत सूचना पर आधारित और पूरी तरह निराधार बताया है. कंपनी ने कहा कि इसका मकसद केवल वेदांता को बदनाम करना है. समूह ने साफ किया कि वह इस रिपोर्ट से हुए नुकसान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार है.
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वेदांता रिसोर्सेज ताश का घर: वायसराय
9 जुलाई 2025 को जारी रिपोर्ट में वायसराय रिसर्च ने अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली ब्रिटिश मूल की कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को एक “परजीवी” बताया था, जो भारत की वेदांता लिमिटेड को ‘‘व्यवस्थित रूप से खत्म’’ कर रही है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि समूह भारी कर्ज, लूटी गई संपत्ति और झूठे लेखांकन पर टिका है. वेदांता ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
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