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भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज तेज गति से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और यह बढ़त अजेय है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है. भारत की तकनीकी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा. भारत क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका है. उपराष्ट्रपति ने छात्रों से टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वान किया. उन्होंने छात्रों को भारतीय संसद देखने के लिए आमंत्रित किया और उनके साथ लंच करने का भी आमंत्रण दिया. आईआईटी आईएसएम के दीक्षांत समारोह में देश की नामचीन हस्तियां शामिल हुईं. इसमें कई संवैधानिक प्रमुख से लेकर देश के कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हुए.
XLRI के प्लेटिनम जुबली समारोह में भी शामिल हुए धनखड़
धनबाद में आईआईटी-आईएसएम के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, उपराष्ट्रपति ने जमशेदपुर के जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एक्सएलआरआई) के प्लेटिनम जुबली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया. यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जमशेदपुर नवाचार और उद्यम को परिभाषित करता है. यह संस्थान उसी का प्रतीक है. भारत आज तेज गति से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और यह बढ़त अजेय है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं. हमने यूके को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं. विश्व बैंक के अध्यक्ष के बयान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत ने डिजिटल क्षेत्र में पिछले एक दशक में जो करिश्मा किया है, वह 47 वर्षों में भी संभव नहीं था.
आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाने का आग्रह
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों से आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद विकसित भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि हमें अपने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखना चाहिए. भारत का हित सर्वोपरि है. भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है. हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए. हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए. भारत की तकनीकी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा. आपके पास सीखने के लिए तकनीक हैं.
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