शेयर बाजार में अभी जारी रहेगी उठा-पटक, लॉन्ग टर्म में आउटलुक पॉजिटिव

Stock Market: शेयर बाजार में अमेरिका के जवाबी शुल्क के कारण अस्थिरता जारी रह सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म आउटलुक सकारात्मक है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और एफपीआई निवेश बाजार को सपोर्ट दे सकता है. फार्मा सेक्टर को अमेरिकी शुल्क से छूट मिलने से निवेशकों के लिए नए अवसर बन सकते हैं.

By KumarVishwat Sen | April 3, 2025 6:27 PM
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Stock Market: भारत पर अमेरिका के जवाबी शुल्क की वजह से वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ गई है. इससे निकट भविष्य में शेयर बाजार में गिरावट के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. लेकिन, दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है.

अमेरिका के जवाबी शुल्क से शेयर बाजार पर प्रभाव

अमेरिका ने व्यापार घाटा कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत पर 27% जवाबी शुल्क लगाया है. इससे भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकता है. लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है. एक्सिस सिक्योरिटीज के अनुसार, बाजार की उम्मीद से अधिक शुल्क के कारण नियर टर्म में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है. यह महंगाई को बढ़ा सकता है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकता है. इससे वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में भी सुस्ती आ सकती है.

शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद लॉन्ग टर्म आउटलुक पॉजिटिव

वैश्विक अनिश्चितता के चलते शेयर बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन इसमें निवेश के भी अवसर हैं. मजबूत आय संभावना वाली कंपनियों के शेयर गिरावट के दौरान आकर्षक निवेश विकल्प बन सकते हैं. आनंद राठी समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सुजान हाजरा ने कहा कि निकट भविष्य में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा, लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है.

विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी और बाजार का समर्थन

हाल ही में एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) ने भारतीय बाजार में 31,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. आकर्षक मूल्यांकन, रुपये में मजबूती और वृहद आर्थिक सुधारों के चलते एफपीआई भारतीय बाजार के प्रति सकारात्मक रुख अपना सकते हैं. हाजरा के अनुसार, एफपीआई का निवेश बढ़ने, कंपनियों की आय में सुधार और शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन से भारतीय बाजार को समर्थन मिलेगा.

भारतीय निर्यात क्षेत्र पर प्रभाव और अवसर

इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, ज्वेलरी, ऑटो पार्ट्स और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर अमेरिकी शुल्क का नकारात्मक असर पड़ सकता है. हालांकि, फार्मा सेक्टर को छूट दी गई है, जिससे भारतीय दवा कंपनियों को फायदा मिल सकता है. इन्वेसेट पीएमएस के कोष प्रबंधक अनिरुद्ध गर्ग के अनुसार, भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिकी जेनेरिक दवाओं की 40% आपूर्ति करती हैं. इससे फार्मा सेक्टर के लिए आगे बढ़ने के नए अवसर मिल सकते हैं.

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मुख्य बिंदु

  • शेयर बाजार में निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन लॉन्ग टर्म में आउटलुक सकारात्मक है.
  • अमेरिकी जवाबी शुल्क से कुछ क्षेत्रों पर दबाव पड़ेगा, लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है.
  • एफपीआई निवेश, कंपनियों की आय में वृद्धि और शेयरों का आकर्षक मूल्यांकन भारतीय बाजार को सकारात्मक गति देगा.
  • फार्मा सेक्टर को सबसे अधिक फायदा मिल सकता है, जिससे निवेशकों को लॉन्ग टर्म ग्रोथ का मौका मिलेगा.

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