एमआरपी और वास्तविक कीमत में अंतर क्या है?
एमआरपी और वास्तविक कीमत उत्पादक और उपभोक्ता के लिए महत्वपूर्ण होता है. एमआरपी उपभोक्ताओं को उत्पाद की आम बिक्री मूल्य बताता है, जबकि वास्तविक कीमत उत्पादक की लागत को बताती है. इसमें उसका निर्माण, परिवहन आदि शामिल होते हैं.
एमआरपी: अधिकतम खुदरा मूल्य को संक्षेप में एमआरपी कहा जाता है. एमआरपी वह मूल्य होता है, जिसे उत्पादक या आपूर्तिकर्ता उत्पाद की बिक्री के लिए निर्धारित करते हैं. यह वास्तविक कीमत, व्यापारिक लाभ, डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट, विज्ञापन, रिटेलर का मार्जिन और जीएसटी जैसे टैक्स को शामिल करके निर्धारित किया जाता है. एमआरपी उत्पाद के विक्रेता की ओर से निर्धारित किया जाता है, जो विभिन्न खुदरा दुकानों में अलग-अलग हो सकता है.
वास्तविक कीमत: उत्पाद की वास्तविक उत्पादन लागत को वास्तविक कीमत कहा जाता है. इसमें सभी उत्पादन संबंधी लागतें शामिल होती हैं. उत्पादन संबंधी लागत में मैटेरियल की कीमत, मशीनरी की खरीद और उसके संचालन की लागत और उत्पादन पर दी जाने वाली मजदूरी शामिल होते हैं. वास्तविक कीमत में व्यापारिक लाभ, डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट, विज्ञापन, और जीएसटी शामिल नहीं होते.
5 रुपये वाली बॉल पेन की क्या हो सकती है वास्तविक कीमत
अगर आप किसी स्टेशनरी शॉप से 5 रुपये में बॉल पेन खरीदते हैं, तो वास्तविक कीमत या वास्तविक उत्पादन लागत करीब 1 से 2 रुपये के बीच हो सकती है. सही मायने में 5 रुपये की कलम की एमआरपी उसकी प्रोडक्शन कॉस्ट से अधिक होगी. इसका कारण यह है कि इसमें व्यापारिक लाभ, डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट, विज्ञापन, रिटेलर का मार्जिन और जीएसटी आदि शामिल होते हैं.
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5 रुपये की बॉल पेन पर जीएसटी लगने के बाद असली कीमत
अगर आप किसी स्टेशनरी शॉप से 5 रुपये वाली बॉल पेन खरीदते हैं, तो जीएसटी परिषद की ओर से उस पर जीएसटी की दर 12% लागू है. अब अगर किसी बॉल पेन की उत्पादन लागत करीब 1.50 रुपये है, तो उसकी वास्तविक कीमत जानने के लिए जीएसटी का कैलकुलेशन करना होगा.
जीएसटी कैलकुलेशन
- वास्तविक कीमत = उत्पादन लागत + लाभ + जीएसटी
- उत्पादन लागत = 1.50 रुपये
- लाभ मार्जिन (20%) = 0.30 रुपये
- जीएसटी की 12% दर = (1.50 + 0.30) * 12/100 = 0.21 रुपये
- 5 रुपये वाली बॉल पेन की वास्तविक कीमत = 1.50 + 0.30 + 0.21 = 2.01 रुपये
कहां जाता है छात्रों का पैसा
जीएसटी और मुनाफे के साथ किसी बॉल पेन की वास्तविक कीमत 2.01 रुपये है, तो बाकी के 2.99 रुपये कहां जाते हैं. आपको जानकारी होनी चाहिए कि बॉल पेन पर जीएसटी और थोक और खुदरा विक्रेताओं के मुनाफे के अलावा उसमें डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट और विज्ञापन पर होने वाला खर्च भी जोड़ा जाता है और इसके बाद जो पैसा बचता है, वह स्टेशनरी शॉप के मालिक के मुनाफे और संचालन खर्च में चला जाता है.
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