Delhi Election 2020: थम गया चुनावी शोर- तीखे हमलों का दौर, अब चल रहा सोशल मीडिया पर जोर

Delhi Assembly Election 2020: गुरुवार शाम से दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए चल रहा चुनाव प्रचार खत्म हो गया. अब उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आठ फरवरी को होने वाले मतदान के दिन दिल्ली की जनता करेगी. दिल्ली का चुनावी प्रचार खासा तिकड़म भरा रहा. असल मुद्दों को छोड़ कर पाकिस्तान, आतंकी कैंप, हिंदू-मुस्लिम, शाहीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2020 12:15 PM
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Delhi Assembly Election 2020: गुरुवार शाम से दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए चल रहा चुनाव प्रचार खत्म हो गया. अब उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आठ फरवरी को होने वाले मतदान के दिन दिल्ली की जनता करेगी. दिल्ली का चुनावी प्रचार खासा तिकड़म भरा रहा. असल मुद्दों को छोड़ कर पाकिस्तान, आतंकी कैंप, हिंदू-मुस्लिम, शाहीन बाग, दंगा बवाल…और न जाने कितने बयान नेताओं ने दिए. राजनीतिक दलों ने प्रचार में ताकत झोंक दी.

भाजपा ने कैबिनेट से लेकर मुख्यमंत्री तक को मैदान में उतार दिया. वहीं, नेताओं के सियासी बोल पर चुनाव आयोग को भी सख्त कार्रवाई करनी पड़ी. इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में भड़काऊ बयानबाजी के चलते सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई. भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद प्रवेश वर्मा पर दो से चार दिन तक प्रतिबंध लगाया गया.

आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सबसे ज्यादा 31 एफआईआर आम आदमी पार्टी के खिलाफ दर्ज हुई हैं, जबकि नौ और छह एफआईआर क्रमश: भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ दर्ज हुईं. अब जब चुनाव प्रचार खत्म हो गया है तो अब सभी पार्टियां सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुट गईं है.

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर आठ फरवरी की सुबह आठ से शाम छह बजे तक मतदान होगा. आज अंतिम जांच के बाद चुनाव अधिकारी हर जिले में कर्मचारियों को ईवीएम सौंप देंगे. मतदान समय पर शुरू हो सके, इसके लिए सभी कर्मचारियों को रात में ही ठहराने की व्यवस्था की गई है. शनिवार तड़के करीब चार बजे कर्मचारियों को सुरक्षा बलों के साथ मतदान केंद्रों पर रवाना किया जाएगा.

दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने 11 जिलों में 21 स्ट्रांग रूम फाइनल कर लिए हैं. यहां मतदान के बाद ईवीएम रखी जाएंगी. निष्पक्ष एवं भयमुक्त चुनाव के लिए 22 व्यय पर्यवेक्षक, 28 सामान्य पर्यवेक्षक और 11 पुलिस पर्यवेक्षकों नियुक्त किए गए हैं. 516 इलाकों में 3841 संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों की पहचान हो चुकी है. यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

दिल्ली चुनाव कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहली बार दिल्ली के चुनाव में बूथ प्रबंधन के लिए बूथ एप की शुरुआत होगी. यह दिल्ली में 11 विधानसभाओं (हर जिले में एक) और विधानसभा संख्या 38 के कुछ मतदान बूथों पर कार्य करेगा.

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