दिल्ली चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू, शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूछा- क्या दुकान बंद कर देनी चाहिए!

नयी दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के एक बयान से घमासान शुरू हो गया है और कई नेताओं ने चाको पर हमला बोला है. दरअसल, कांग्रेस नेता चाको ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2020 2:23 PM
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नयी दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के एक बयान से घमासान शुरू हो गया है और कई नेताओं ने चाको पर हमला बोला है. दरअसल, कांग्रेस नेता चाको ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं. उन्होंने कहा कि एक नयी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के उदय ने कांग्रेस के पूरे वोट बैंक को छीन लिया. हम इसे कभी वापस नहीं पा सके. यह अभी भी आप के साथ बना हुआ है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने इसको लेकर चाको पर निशाना साधा और कहा कि चुनावी हार के लिए दिवंगत शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है. देवरा ने कहा कि शीला दीक्षित जी एक बेहतरीन राजनीतिज्ञ और प्रशासक थीं. मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली की तस्वीर बदली और कांग्रेस पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुई. उनके निधन के बाद उनको जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने अपना जीवन कांग्रेस और दिल्ली के लोगों के लिए समर्पित कर दिया. शीला दीक्षित के करीबी रहे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी चाको पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013 में जब हम हारे तो कांग्रेस को दिल्ली में 24.55 फीसदी वोट मिले थे. शीला जी 2015 के चुनाव में शामिल नहीं थीं जब हमारा वोट प्रतिशत गिरकर 9.7 फीसदी हो गया. 2019 में जब शीला जी ने कमान संभाली तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत 22.46 फीसदी हो गया.

गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटें हासिल करके शानदार जीत दर्ज की है. भाजपा को महज आठ सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला.

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