Delhi University Admission 2025 in Hindi: टाई-ब्रेकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव
पिछले वर्षों में जब दो या अधिक उम्मीदवारों के अंक समान होते थे, तो सीट आवंटन अक्सर नाम के अक्षरक्रम के आधार पर किया जाता था. लेकिन इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय ने ‘डायरेक्ट ऑटो-एक्सेप्ट’ सिस्टम शुरू किया है. अब कक्षा दसवीं के सभी विषयों के औसत अंक टाई-ब्रेकिंग के लिए मुख्य आधार होंगे.
प्रो. हनीत गांधी, डीन ऑफ एडमिशन ने बताया कि पहले कच्चे अंकों पर निर्भर रहने की वजह से कई बार नाम के आधार पर ही सीटें दी जाती थीं. नए नियमों से प्रवेश प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत होगी.
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पुराने टाई-ब्रेकिंग नियम क्या थे?
सबसे पहले उम्मीदवार के A-लेवल (कक्षा 12) के तीन श्रेष्ठ विषयों में अधिकतम प्रतिशत को महत्व दिया जाता था.
- अगर टाई बनी रहती तो चार और पांच विषयों के कुल अंकों को देखा जाता था.
- टाई जारी रहने पर उम्र में बड़ा उम्मीदवार प्राथमिकता पाता था.
- अंतिम विकल्प के रूप में नाम के अक्षरक्रम के आधार पर सीट आवंटित की जाती थी.
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दिल्ली विश्वविद्यालय में सीटों और कोर्स का बड़ा नेटवर्क
दिल्ली विश्वविद्यालय में कुल 69 कॉलेजों में 79 स्नातक प्रोग्राम उपलब्ध हैं, जिनमें कुल 71,624 सीटें हैं. बीए प्रोग्राम में अब 186 विषय संयोजन मौजूद हैं. अभी उम्मीदवार CUET-UG 2025 के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं. परिणाम आने के बाद CSAS की दूसरी चरण शुरू होगी, जिसमें वे अपनी पसंद के कोर्स और कॉलेज चुन सकेंगे. आवेदन प्रक्रिया शुरू 17 जून 2025 और कक्षाएं शुरू1 अगस्त 2025 से होगी.
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे नए नियमों को ध्यान से पढ़ें और समय पर अपना आवेदन करें ताकि प्रवेश प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत न हो.
इस बार के बदलावों से दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया और भी पारदर्शी, न्यायसंगत और अकादमिक रूप से मजबूत होगी.