यहां से कर सकेंगे आवेदन (Agniveer Application Process)
अग्निपथ योजना के तहत अग्नि वीरों की भर्तियां साल में दो बार मई और नवंबर महीने में होती है. चार साल के कार्यकाल में अग्निवीरों को शुरुआती 6 महीनों में प्रशिक्षण के दौर से गुजरना होता है और 3.5 साल तैनाती होती है. भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.com पर जाकर आवेदन किया जा सकता है. इसी वेबसाइट के जरिए परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को अग्निवीर बनने के लिए कई चरणों से गुजरना होता है, जिसमें पहला चरण लिखित परीक्षा होता है. इसमें पास होने के बाद उम्मीदवारों को फिजिकल टेस्ट, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल टेस्ट गुजरना पड़ता है. इसके बाद आखिर में चयनित उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी किया जाता है.
अग्निवीरों की सैलरी (Agniveer Salary)
अग्निपथ योजना में चयनित उम्मीदवारों को पहले साल 30,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है. हालांकि, Agniveers Corpus Fund के नाम पर 9,000 रुपए की कटौती होती है, जिसके बाद 21,000 रुपए इन हैंड मिलती है. खास बात यह है कि हर साल अग्निवीरों की सैलरी में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. आइए टेबल के सहारे अग्निवीरों के चारों सालों की सैलरी को आसानी से समझते हैं.
वर्ष | बेसिक सैलरी (मासिक) | इन हैंड सैलरी (70%) | सेवा निधी कोष (30%) | भारत सरकार का कॉर्पस फंड में योगदान |
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1st | ₹30,000/- | ₹21,000/- | ₹9,000/- | ₹9,000/- |
2nd | ₹33,000/- | ₹23,100/- | ₹9,900/- | ₹9,900/- |
3rd | ₹36,500/- | ₹25,550/- | ₹10,950/- | ₹10,950/- |
4th | ₹40,000/- | ₹28,000/- | ₹12,000/- | ₹12,000/- |
4 साल बाद मिलेंगे इतने रुपए
4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को Agniveers Corpus Fund की बचत का कुल 5.02 लाख रुपए मिलता है. इसके अलावा, केंद्र सरकार की तरफ से भी 5.02 लाख रुपए भी योगदान किया जाता है. ऐसे में अग्निवीर को नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज के रूप में कुल 10.04 लाख रुपए मिलता है. खास बात यह है कि इस रकम पर ब्याज भी दिया जाएगा.
अग्निवीरों को मिलने वाली छुट्टियां
अग्निपथ योजना में चयनित उम्मीदवारों को साल भर में 30 दिनों की छुट्टियां मिलती है. इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर वे मेडिकल लीव के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.
सेवा के बाद सरकारी नौकरी में आरक्षण
सेवा से रिटायर होने के बाद अग्निवीरों को 10 राज्य की सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलती है. इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात, ओडिशा, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश (अलग-अलग) शामिल हैं. इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से भी BSF, CRPF, ITBP, SSB, और CISF में 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है.