Career Guidance : एड मेकिंग में करें करियर मेकिंग

विज्ञापन की रचनात्मक दुनिया बड़े पैमाने पर लोगों को उनके हुनर के साथ आगे बढ़ने का मौका देती है. आईपीजी मीडिया ब्रांड्स की मीडिया इंटेलिजेंस यूनिट मैग्ना की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत के विज्ञापन बाजार में 2025 में सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है और 2026 में भारत के विज्ञापन उद्योग के शीर्ष 10 वैश्विक बाजारों में से एक बन जाने की उम्मीद है. आप अगर संभावनाओं से भरी भारतीय एड इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहते हैं, जानें कैसे बढ़ सकते हैं आगे...

By Preeti Singh Parihar | July 4, 2025 4:09 PM
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Career Guidance : एडवर्टाइजिंग की दुनिया बहुत बड़ी है. इसमें न्यूज पेपर, रेडियो, टेलीविजन, न्यूज वेबसाइट्स, सोशल मीडिया से लेकर आउटडोर एडवर्टाइजिंग तक एक विस्तृत कार्यक्षेत्र है. कोई प्रोडक्ट हो या कंपनी या फिर राजनीतिक दल किसी का भी काम विज्ञापन के बिना नहीं चलता और एक छोटे से विज्ञापन को तैयार करने के लिए कई लोगों की जरूरत होती है. जाहिर है इसमें करियर के कई विकल्प भी मौजूद हैं. आपमें अगर क्रिएटिविटी यानी रचनात्मकता है और कुछ अलग करना चाहते हैं, तो इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं.

क्रिएटिविटी है इस करियर की पहली जरूरत

एड मेकिंग में करियर बनाने के लिए सबसे जरूरी है रचनात्मकता. इसके साथ ही काम के प्रति जुनून, दबाव में काम करने की क्षमता एवं धैर्य जैसे गुणों की भी दरकार होती है. आप अगर इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो अपनी रचनात्मकता, जुनून और धैर्य क्षमता को आंकें, फिर इस ओर कदम आगे बढ़ायें.

होती है नये आइडिया तलाशने की चुनौती

एड मेकिंग एक चुनौती भरा करियर है. विज्ञापन बनाते हुए एड मेकर्स के सामने हर बार एक नयी चुनौती होती है किसी उत्पाद या संदेश की ओर कैसे लोगों का ध्यान खींचा जाये, उसे लोकप्रिय बनाया जाये. प्रोडक्ट को कैसी पंच लाइन दी जाये, जो कि हर जुबान की लाइन बन जाये. इसके लिए एक पूरी टीम काम करती है, जिसमें कॉपी राइटर्स और आर्ट डाइरेक्टर्स की अहम भूमिका होती है. कॉपी राइटर पंच लाइन लिखते हैं, वहीं आर्ट डाइररेक्टर विजुअल पर कार्य करते हैं. इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट के विज्ञापन में पंच लाइन और दृश्यों में सामंजस्य की खास अहमियत होती है.

करियर बनाने के हैं बेहतरीन मौके यहां

एड इंडस्ट्री में करियर बनाने के कई विकल्प मौजूद हैं. इस क्षेत्र में विज्ञापन ऐजेंसियों समेत प्राइवेट एड मेकिंग कंपनियों से लेकर सरकारी एवं गैर सरकारी कंपनियों के विज्ञापन विभाग होते हैं. इसके अलावा अखबारों, पत्रिकाओं, रेडियो और टीवी के एडवर्टाइजिंग विभाग, मार्केट रिसर्च कंपनी आदि में जॉब के मौके होते हैं. फ्रीलांसिंग काम करने का भी विकल्प होता है. आप कॉपी राइटर, विजुलाइजर,
क्रिएटिव डायरेक्टर, मीडिया प्लानर, रिसर्चर आदि के तौर पर करियर बना सकते हैं.

प्रमुख कोर्स और संस्थान, जहां से बनेगी राह

किसी भी विषय में ग्रेजुएशन के बाद एडवर्टाइजिंग एंड कम्युनिकेशन/मार्केटिंग एंड एडवर्टाइजिंग/ एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट/ एडवर्टाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन में डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. इसके साथ ही एमबीए करने का भी विकल्प है. इसके लिए देश के कुछ प्रमुख संस्थान हैं-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी), नयी दिल्ली. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवर्टाइजिंग, नयी दिल्ली. सरदार पटेल कॉलेज ऑफ कम्युनिकेशन एंड मैनेजमेंट, नयी दिल्ली. दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली. भारतीय विद्या भवन, नयी दिल्ली. मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन (एमआईसीए), अहमदाबाद. मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नयी दिल्ली.

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