Clinical Embryology: IVF टेक्नोलॉजी यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से बच्चे नहीं होने की समस्या का इलाज किया जाता है. इसमें महिला के एग और पुरुष के स्पर्म को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है. इस प्रक्रिया में क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट (Clinical Embryology) की अहम भूमिका होती है. क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजी कोर्स करके आप IVF लैब में काम करने वाले एक्सपर्ट बन सकते हैं.
यह कोर्स AIIMS जैसे संस्थानों में काफी लोकप्रिय है. आजकल इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है क्योंकि इनफर्टिलिटी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. यह एक बेहतरीन करियर विकल्प बनता जा रहा है. आइए इस कोर्स के बारे में विस्तार से जानते हैं.
Clinical Embryology Course: क्या है क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजी?
AIIMS से MBBS के बाद अगर आप IVF तकनीक और बच्चे पैदा करने से जुड़ी साइंस (Reproductive Science) के क्षेत्र में अच्छा करियर बनाना चाहते हैं तो Diploma in Clinical Embryology एक अच्छा विकल्प है. यह कोर्स आपको एम्ब्रियोलॉजी IVF से जुड़े काम लैब में होने वाले तरीके अंडाणु और शुक्राणु को संभालने जैसी खास तकनीकें सिखाता है. इस डिप्लोमा से आप इन्फर्टिलिटी का इलाज (Infertility Treatment) और असिस्टेंट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) में माहिर बन सकते हैं जो आज की हेल्थकेयर फील्ड में तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है.
Table of Contents
- Clinical Embryology Course: क्या है क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजी?
- Scope of Embryology in India: करियर स्कोप
- Diploma in Clinical Embryology Eligibility: कौन कर सकता है ये कोर्स?
- Clinical Embryology Top college: ये हैं टॉप कॉलेज
MBBS के बाद कर सकते हैं कोर्स
MBBS के बाद आप Clinical Embryology में कोर्स करके IVF और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं. इसके लिए आप MSc in Clinical Embryology (2 साल), Post Graduate Diploma (1 साल) या Fellowship Programs (6-12 महीने) कर सकते हैं. इन कोर्स में IVF तकनीक, अंडाणु और शुक्राणु की तैयारी, भ्रूण का विकास और फ्रीजिंग जैसी प्रक्रियाएं सिखाई जाती हैं.कोर्स पूरा करने के बाद आप IVF क्लिनिक, फर्टिलिटी सेंटर्स या बड़े अस्पतालों में Embryologist के रूप में काम कर सकते हैं और इस फील्ड में अच्छा वेतन व विदेशों में काम करने के अवसर मिलते हैं.
Scope of Embryology in India: करियर स्कोप
भारत में एम्ब्रियोलॉजी का स्कोप बहुत अच्छा है क्योंकि IVF और टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की मांग लगातार बढ़ रही है. IVF क्लिनिक, फर्टिलिटी सेंटर, हॉस्पिटल, मेडिकल रिसर्च और टीचिंग क्षेत्रों में एम्ब्रायोलॉजिस्ट की जरूरत रहती है. अनुभव के साथ सैलरी 4-6 लाख सालाना से शुरू होकर 10-20 लाख सालाना तक जा सकती है. रिसर्च और विदेशों में भी एम्ब्रियोलॉजिस्ट के लिए अच्छे अवसर मौजूद हैं.
Diploma in Clinical Embryology Eligibility: कौन कर सकता है ये कोर्स?
डिप्लोमा इन क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजी में एडमिशन के लिए उम्मीदवार को जीव विज्ञान (Biology) विषय के साथ 12वीं पास होना जरूरी है. कुछ संस्थान ग्रेजुएशन (BSc) डिग्री की भी मांग करते हैं. 12वीं या ग्रेजुएशन में कम से कम 50% अंक होने चाहिए और उम्र कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए. एडमिशन कुछ कॉलेज मेरिट के आधार पर देते हैं जबकि कुछ जगह एंट्रेंस एग्जाम या इंटरव्यू लिया जाता है.
Entrance Exams
Diploma in Clinical Embryology में एडमिशन के लिए अलग-अलग कॉलेज अपने-अपने एंट्रेंस एग्जाम लेते हैं. कुछ कॉलेज NEET PG या AIIMS PG Entrance Exam जैसे मेडिकल एग्जाम के स्कोर पर भी एडमिशन देते हैं. इसके अलावा, कई प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने खुद के एंट्रेंस टेस्ट भी कराती हैं.
Clinical Embryology Top college: ये हैं टॉप कॉलेज
संस्थान का नाम (अंग्रेज़ी) | स्थान (हिंदी में) |
---|---|
Embryology Academy of India | चेन्नई |
Life Fertility & Research Centre (Andhra University) | विशाखापट्टनम |
Medical Global Academy (MGA) | हैदराबाद |
Momsoon Academy (Yenepoya University) | बेंगलुरु |
Chettinad Hospital & Research Institute | चेन्नई |
Jindal IVF Centre (Indian Fertility Society) | चंडीगढ़ |
Sunrise School of Embryology | बेंगलुरु |
Craft Hospital & Research Centre | केरल |
Institute of Reproductive Medicine | कोलकाता |
International Institute of Reproduction and Fertility Training (IIRFT) | दिल्ली |
क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजी करियर ऑप्शन
- IVF क्लिनिक में एम्ब्रियोलॉजिस्ट: लैब में भ्रूण (एंब्रियो) से जुड़ा काम करने वाले एक्सपर्ट
- फर्टिलिटी सेंटर में लैब टेक्नीशियन: टेस्ट और प्रोसेस में डॉक्टर की मदद करने वाले प्रोफेशनल
- एंड्रोलॉजी लैब्स में काम: पुरुषों की फर्टिलिटी से जुड़े टेस्ट करने का मौका
- एम्ब्रियोलॉजी रिसर्चर: नई तकनीकों और उपचारों पर रिसर्च करने वाला विशेषज्ञ
- स्टेम सेल बैंकिंग स्पेशलिस्ट: स्टेम सेल को सुरक्षित रखने और संभालने वाला प्रोफेशनल
- टीचिंग / एकेडमिक्स: कॉलेज या इंस्टीट्यूट में पढ़ाने और ट्रेनिंग देने का अवसर
- फार्मा और बायोटेक कंपनियों में नौकरी: रिसर्च, डेवलपमेंट या प्रोडक्ट डिजाइन में करियर
- क्रायोप्रिजर्वेशन एक्सपर्ट: अंडाणु, शुक्राणु या भ्रूण को फ्रीज़ कर सुरक्षित रखने वाले विशेषज्ञ
- विदेशों में करियर के मौके: IVF, रिसर्च और हेल्थकेयर फील्ड में इंटरनेशनल जॉब्स
मिलते हैं ये सर्टिफिकेट
- IVF Laboratory Training Certificate
- ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection) Training Certificate
- Andrology & Semen Analysis Certificate
- Cryopreservation (Embryo & Sperm Freezing) Certificate
- Embryo Transfer Techniques Certificate
- Oocyte Handling & Culture Certificate
- Time-lapse Embryology Techniques Certificate
- Quality Control in IVF Labs Certificate
- Micromanipulation Techniques Certificate
रिपोर्ट- श्रेया सलोनी पांडे
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