JPSC Success Story: देवघर के लाल ने गाड़ा जेपीएससी में झंडा, इस तरह की परीक्षा की तैयारी 

JPSC Success Story: देवघर के रहने वाले ऋषभ कुमार ने जेपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने 199वीं रैंक हासिल किया है. वे हमेशा से ही सिविल सेवा में आना चाहते हैं. उनकी इस सफलता से न सिर्फ उनके माता-पिता बल्कि पूरा शहर गौरवान्वित है. आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी-

By Shambhavi Shivani | July 26, 2025 5:46 PM
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JPSC Success Story: ऋषभ कुमार ने जेपीएससी परीक्षा 2023 में 199वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की. झारखंड के एक छोटे से गांव से आने वाले ऋषभ ने सच कर दिखाया कि व्यक्ति मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर पत्थर भी पिघला सकता है. जेपीएससी 2023 में ऋषभ कुमार की सफलता हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है. 

JPSC Success Story: देवघर के रहने वाले हैं ऋषभ

ऋषभ झारखंड के देवघर जिले (Deoghar News) के सारठ प्रखंड के मोदीबांध के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम काशी नाथ झा है. ऋषभ कुमार ने 199वीं रैंक हासिल कर अपने क्षेत्र और परिवार का नाम रोशन किया है. ऋषभ के पिता काशी नाथ झा एक साधारण किसान हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने बेटे को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और हर संभव सहयोग दिया.

JPSC Success Story: गांव के स्कूल से हुई पढ़ाई

सीमित संसाधन और कठिनाइयों के बीच पढ़ाई करने के बाद भी ऋषभ ने पढ़ाई का रास्ता नहीं छोड़ा. शुरुआत से ही उनका मन था सिविल सेवा में जाने का. ऋषभ की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव से हुई. इसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की और सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. आर्थिक चुनौतियों के बावजूद ऋषभ ने हार नहीं मानी और सेल्फ स्टडी पर विश्वास रखते हुए लगातार मेहनत की. 

JPSC Success Story: हार नहीं मानी

ऋषभ बताते हैं कि उनकी तैयारी में नियमित दिनचर्या, अखबारों का गहन अध्ययन, एनसीईआरटी पुस्तकों की समझ और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के विश्लेषण की बड़ी भूमिका रही. उन्होंने यह भी कहा कि असफलता के कई दौर आए, लेकिन हर बार उन्होंने उससे सीख लेकर खुद को और बेहतर बनाया. 

JPSC Success Story: हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा

उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए गर्व का विषय है, बल्कि उन युवाओं के लिए भी प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देख रहे हैं. ऋषभ की सफलता यह संदेश देती है कि मेहनत, धैर्य और सही दिशा में प्रयास किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं. अब वे समाज के कमजोर वर्गों की सेवा में अपना जीवन बीताएंगे. 

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