चाय बेची, दीए की रोशनी में की पढ़ाई! फिर बिखेरी UPSC में चमक, झकझोर देगी मंगेश की कहानी

Success Story: दीपक की रोशनी में रात-रात भर पढ़ाई, दिन में पिता के साथ चाय बेचना और दिल में अफसर बनने का सपना. यही थी मंगेश खिलारी की जिंदगी. सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने UPSC में 396वीं रैंक हासिल की और अब अफसर बनकर अपने गांव और परिवार का नाम रोशन कर दिया.

By Shubham | July 11, 2025 10:59 AM
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Success Story in Hindi: कहते हैं अगर इरादे मजबूत हों तो रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं मंजिल जरूर मिलती है. महाराष्ट्र के मंगेश खिलारी (Mangesh Khilari) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उन्होंने UPSC की कठिन परीक्षा पास की है, वो भी बेहद कठिन हालातों में. उनके पिता एक छोटी सी चाय की दुकान चलाते थे और मां एक फैक्ट्री में मजदूरी करती थीं. मंगेश खुद भी अपने पिता के साथ चाय बेचने में मदद करते थे. लेकिन इन मुश्किलों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और आज एक अफसर बनकर सबका सपना पूरा किया है. यहां देखें Mangesh Khilari Success Story in Hindi को जिससे आपको अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा मिलेगी.

Success Story in Hindi: यहां से हुई शुरुआत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगेश का जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक छोटे से गांव सुकेवाड़ी में हुआ था. उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई अपने गांव के स्कूल से ही की. इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए संगमनेर तालुका और फिर पुणे चले गए. मंगेश हमेशा पढ़ाई में रुचि रखते थे और कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने कभी अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा.

UPSC Success Story: छात्रवृत्ति और पार्ट टाइम जॉब ने दी मदद

पुणे आने के बाद मंगेश को छत्रपति शाहू महाराज रिसर्च, ट्रेनिंग और ह्यूमन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की छात्रवृत्ति मिली, जिससे उनके रहने और पढ़ाई का खर्च निकल गया. इसके अलावा, बाकी खर्चों के लिए उन्होंने उसी कोचिंग सेंटर में पार्ट टाइम टीचर की नौकरी भी की, जहां से वह खुद पढ़े थे.

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UPSC Success Story: मिट्टी का तेल जलाकर की पढ़ाई

मंगेश रात-रात भर मिट्टी के तेल वाले दीए में पढ़ाई करते थे. जब तक UPSC का टॉपिक अच्छे से समझ में नहीं आ जाता वो पढ़ाई में ही डूबे रहते थे. यही उनकी लगन थी, जिसने उन्हें कामयाबी दिलाई. उन्होंने UPSC परीक्षा में 396वीं रैंक हासिल की.

तीसरे प्रयास में मिली सफलता (Success Story in Hindi)

मंगेश ने पूरी मेहनत और लगन से UPSC की तैयारी की. पहले दो प्रयासों में वे इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन केवल तीन अंकों से चयन नहीं हो सका. तीसरे प्रयास में उन्होंने मेहनत जारी रखी और 15-16 घंटे रोज पढ़ाई की. उन्होंने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली थी. आखिरकार तीसरे प्रयास में उनका सपना पूरा हुआ और वो अफसर बन गए.

गांव और परिवार का नाम रोशन किया (UPSC Success Story)

आज मंगेश खिलारी की मेहनत ने ना सिर्फ उनके माता-पिता की मेहनत का फल दिया, बल्कि उनके गांव का भी नाम रोशन कर दिया. उनकी यह कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखता है.

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