35 की उम्र में UPSC का फैसला (Success Story of Nisa Unnirajan)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निसा ने 35 साल की उम्र में UPSC की तैयारी शुरू की, जब अधिकतर लोग इसे छोड़ देते हैं. उस समय उनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां थीं, नौकरी भी कर रही थीं और दो छोटी बेटियों- नंदना (11 वर्ष) और थानवी (7 वर्ष) की परवरिश भी कर रही थीं. निसा ने अपने समय का ऐसा प्रबंधन किया कि वह सुबह बच्चों को तैयार करतीं, दिनभर काम करतीं और रात को पढ़ाई में जुट जाती थीं.
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परिवार बना सबसे बड़ा सहारा (UPSC Success Story in Hindi)
निसा ने अपनि सफलता का श्रेय अपने पति अरुण और अपने माता-पिता को दिया है. अरुण एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और निसा के माता-पिता रिटायर्ड हैं. इन सभी ने हर मोड़ पर उनका साथ दिया, जिससे निसा को पढ़ाई का समय और आत्मविश्वास दोनों मिले.
इस कमजोरी को बनाया ताकत (Success Story of Nisa Unnirajan)
निसा की सुनने की शक्ति कमजोर है लेकिन उन्होंने इसे अपनि कमजोरी नहीं बनने दिया. वह कोट्टायम के IAS अफसर रंजीत से प्रेरित हुईं, जिन्होंने खुद सुनने की समस्या के बावजूद UPSC पास किया था. निसा कहती हैं कि अगर वो कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?. इसी सोच ने उन्हें हर बार मजबूत बनाया.
प्रेरणा उन सभी के लिए (Success Story of Nisa Unnirajan)
निसा की कहानि हर उस शख्स के लिए प्रेरणादायक है जो सोचते हैं कि अब बहुत देर हो गई है. उन्होंने दिखाया कि उम्र, जिम्मेदारियां या शारीरिक परेशानियां भी आपके सपनों के रास्ते में नहीं आ सकतीं, अगर आपके अंदर हिम्मत और जज्बा हो.
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