कितने एंगल से होती है जांच?
इतने बड़े विमान हादसे की जांच सिर्फ एक तकनीकी वजह तक सीमित नहीं होती. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के मामलों में 2000 से अधिक पहलुओं पर जांच की जाती है. इनमें शामिल हैं:
- एकसाथ दोनों इंजन का फेल हो जाना
- विमान के फ्लैप्स की स्थिति
- आतंकी हमला या मेडे कॉल
- पायलट का अनुभव और निर्णय
- तकनीकी खामियां या मेंटनेंस में लापरवाही
- और अब, साइबर अटैक की संभावना भी
एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स पिछले कुछ दिनों में अलग-अलग कारणों से कैंसिल हुई हैं, जिससे तकनीकी लापरवाही की आशंका और गहरी हो गई है.
क्या प्लेन को हैक किया जा सकता है?
साल 2019 में DEF CON कॉन्फ्रेंस के दौरान साइबर सुरक्षा रिसर्चर रुबेन सांका मार्था ने बताया था कि कुछ बोइंग विमानों के इन-फ्लाइट सिस्टम में कमजोरियां पाई गई थीं. इन कमजोरियों से लाइटिंग और सीट कंट्रोल जैसे सिस्टम प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने ये साफ किया था कि फ्लाइट को उड़ाने वाले कंट्रोल सिस्टम एयर गैप्ड और हाईली सिक्योर होते हैं, जिन्हें हैक करना बेहद कठिन है.
पहले भी हो चुके हैं साइबर अटैक
हालांकि विमान संचालन प्रणाली पर अब तक कोई बड़ा साइबर हमला नहीं हुआ है, लेकिन ग्राउंड सिस्टम और एयरलाइन नेटवर्क पर हमले जरूर हुए हैं.
- 2022 में स्पाइसजेट पर रैनसमवेयर हमला हुआ था, जिससे उड़ानें प्रभावित हुई थीं.
- 2024 में जापान एयरलाइंस पर साइबर अटैक के चलते उड़ानों में देरी हुई थी.
टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के साथ अब साइबर सुरक्षा भी विमानन सुरक्षा का अहम हिस्सा बनती जा रही है. इसलिए अहमदाबाद हादसे में इस एंगल की भी गहन जांच की जा रही है.
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