GK Questions: दुनिया का एक ऐसा देश, जहां भैंसों पर बैठकर पुलिस करती है पेट्रोलिंग; भारत से होती है सप्लाई

GK Questions: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. यह दौरा 5 से 8 जुलाई 2025 तक चलेगा, जहां उन्होंने डिफेंस और एंटी-टेरर मुद्दों पर चर्चा की. ब्राजील अपनी सांस्कृतिक विविधता, एमेजॉन जंगल और फुटबॉल के लिए मशहूर है. यहां भारतीय मुर्रा भैंसों से डेयरी उत्पादन में क्रांति आई है. जानें ब्राजील से जुड़ी दिलचस्प बातें और भारत के साथ इसके संबंध.

By Govind Jee | July 6, 2025 3:59 PM
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GK Questions in Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील पहुंच चुके हैं. उनका यह आधिकारिक दौरा 5 से 8 जुलाई, 2025 तक चलेगा. इस दौरान उन्होंने ब्रिक्स देशों के नेताओं से मुलाकात की और रणनीतिक रक्षा (Strategic Defence) और आतंकवाद विरोधी सहयोग (Anti-Terrorism Agreement) जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की. पीएम मोदी का यह दौरा भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूती देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए दुनिया के एक ऐसा देश के बारे में जहां की पुलिस भैंसों पर बैठकर पुलिस करती है पेट्रोलिंग करती है.

दक्षिण अमेरिका का चमकता सितारा

ब्राजील न सिर्फ दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा देश है, बल्कि यह अपनी अनूठी संस्कृति, रंगीन त्योहारों और प्राकृतिक संसाधनों के लिए भी जाना जाता है. यहां के समुद्र तट, एमेजॉन रेनफॉरेस्ट और सांबा नृत्य पूरी दुनिया को आकर्षित करते हैं. रियो डी जेनेरियो में हर साल आयोजित होने वाला ‘कार्निवल फेस्टिवल’ यहां की पहचान बन चुका है, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं.

जिस देश में पुलिस भैंसों पर गश्त करती है, वह ब्राजील के उत्तर में स्थित माराजो द्वीप है, जहां पुलिसकर्मी घोड़ों या मोटरसाइकिलों की बजाय भैंसों पर गश्त करते हैं. यह द्वीप अमेजन नदी के डेल्टा में स्थित है और बारिश के मौसम में दलदली और जलमग्न हो जाता है. ऐसे में यहां पारंपरिक वाहन बेकार साबित होते हैं, जबकि भैंसें इस इलाके में आसानी से घूम सकती हैं.

क्यों चुनी गई भैंस?

मराजो द्वीप पर बाढ़ और कीचड़ आम बात है. इसलिए स्थानीय सैन्य पुलिस ने 1990 के दशक में इन जल-जमाव वाले इलाकों में भैंसों का उपयोग शुरू किया. ये भैंसें आम वाहनों की तुलना में बेहतर गतिशीलता देती हैं और दुर्गम गांवों तक पहुंचना आसान बनाती हैं. इनका उपयोग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां के कई ग्रामीण इलाकों में सड़कें नहीं हैं, और केवल जल मार्ग या कीचड़ भरे रास्तों से ही पहुंचा जा सकता है.

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‘Buffalo Soldiers’ की पहचान

इन भैंस पर सवार पुलिसकर्मियों को ‘Buffalo Soldiers’ कहा जाता है—जो एक तरह से अमेरिकी इतिहास में मौजूद एक सैन्य यूनिट को भी सम्मान देता है. ये सैनिक पुलिसिंग के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल और सांस्कृतिक रूप से जुड़ी हुई एक मिसाल भी पेश करते हैं. Soure शहर के पुलिस मुख्यालय में भैंस के सिर और गोलियों से बनी सजावट इसे खास बनाती है.

GK Questions in Hindi: इस तरह से लेते हैं प्रशिक्षण

भैंस पर संतुलन बनाए रखना और उन्हें नियंत्रित करना कोई आसान काम नहीं है. पुलिस अधिकारियों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. यह प्रशिक्षण महीनों चलता है और इसके बाद ही कोई जवान पेट्रोलिंग के लिए मैदान में उतरता है. इस अनोखे प्रयोग में जहां एक ओर प्रकृति से सामंजस्य है, वहीं पुलिस की व्यावसायिक दक्षता भी बनी रहती है.

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एक सांस्कृतिक विरासत को दिखाते हैं

Marajó की यह पहल दर्शाती है कि तकनीक या अत्याधुनिक साधनों के बिना भी कैसे कोई व्यवस्था पर्यावरण और परंपरा को ध्यान में रखते हुए कारगर हो सकती है. भैंस-सवार पुलिस यूनिट आधुनिक तरीकों से किसी भी मामले में कम नहीं है, बल्कि यह अधिक अनुकूल और स्थानीय जरूरतों के मुताबिक है.

भारत के कई राज्य, खासकर उत्तर-पूर्व और तटीय इलाकों में मानसून और बाढ़ के दौरान इस तरह की समस्या झेलते हैं. ऐसे में ब्राजील के इस मॉडल से प्रेरणा लेकर भारत के दूरदराज इलाकों में भी पारंपरिक साधनों को अपनाकर बेहतर पुलिसिंग की जा सकती है. यह न केवल व्यावहारिक है, बल्कि सांस्कृतिक और पारिस्थितिक दृष्टिकोण से भी बेहतर समाधान हो सकता है.

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