कारगिल विजय दिवस पर भाषण कैसे दें? (Kargil Vijay Diwas 2025)
आसान शब्दों में कारगिल विजय दिवस पर भाषण (Speech on Kargil Vijay Diwas 2025 in Hindi) दिया जा रहा है-
सभी उपस्थितजनों को नमस्कार, आज मैं यहां कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दो शब्द बोलने के लिए खड़ा-खड़ी हूं…
वर्ष 1999 में पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की. उन्होंने कारगिल की ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर कब्जा जमाने की कोशिश की. भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया और बहादुरी से लड़ते हुए पाकिस्तान के सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया. कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, यह देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है. यह दिन हमें बताता है कि जब भी देश पर खतरा आता है, हमारे सैनिक अपनी जान की परवाह किए बिना हमारी सुरक्षा करते हैं. कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज पांडे जैसे अनेक जवानों ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी. कैप्टन बत्रा का संवाद “ये दिल मांगे मोर” आज भी लोगों की जुबान पर है. उनकी बहादुरी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती है. जय हिंद.
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कारगिल विजय दिवस पर भाषण हिंदी में (Kargil Vijay Diwas Speech 2025 in Hindi)
आसान शब्दों में कारगिल विजय दिवस पर भाषण (Speech on Kargil Vijay Diwas 2025 in Hindi) दिया जा रहा है-
उपस्थित सभी आदरणीय अध्यापकगण, अतिथि और मेरे प्यारे साथियों को मेरा नमस्कार.
आज मैं कारगिल विजय दिवस के इस गौरवशाली अवसर पर अपने विचार साझा करने जा रहा/रही हूं. 26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है. इसी दिन वर्ष 1999 में हमारी वीर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के घुसपैठियों को करारा जवाब देकर कारगिल की चोटियों को फिर से अपने नियंत्रण में लिया था.
इस युद्ध को कारगिल युद्ध कहा गया, जो करीब 60 दिनों तक चला. हमारे सैनिकों ने कठिन परिस्थितियों में, बर्फीली चोटियों पर, अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की. इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया, और इसके तहत भारत ने दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.
इस युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज पांडे, और कई अन्य जवानों ने देश के लिए बलिदान दिया. कैप्टन बत्रा का नारा “ये दिल मांगे मोर” आज भी हर भारतीय को गर्व से भर देता है. कारगिल विजय दिवस हमें सिखाता है कि देश की रक्षा सबसे बड़ा धर्म है. हमें अपने सैनिकों के त्याग और बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए. हमें उनके संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश के लिए हमेशा कुछ अच्छा करने का संकल्प लेना चाहिए. अंत में, मैं सभी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता/करती हूं. जय हिंद! वंदे मातरम्!
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