यहां Class नहीं, पानी पीने के लिए बजती है घंटी…क्या है ‘वाटर बेल’ System और कैसे करता है काम?
Water Bell in Kerala Schools 2025: स्कूलों में अब सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, सेहत पर भी फोकस! केरल के स्कूलों में शुरू हुई ‘वाटर बेल’ पहल बच्चों को दिन में तीन बार पानी पीने की याद दिलाती है. यह सिस्टम बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए बेहद असरदार साबित हो रहा है.
By Shubham | July 24, 2025 5:10 PM
Water Bell in Kerala Schools 2025: स्कूलों में घंटी आमतौर पर कक्षा बदलने, ब्रेक या छुट्टी की सूचना देती है. लेकिन केरल ने इस सामान्य प्रक्रिया को बच्चों की सेहत के लिए एक सकारात्मक आदत में बदल दिया है. यहां ‘वाटर बेल’ नाम की पहल की गई है, जिसमें दिन में तीन बार घंटी बजती है- बच्चों को पानी पीने की याद दिलाने के लिए. यह छोटा कदम बच्चों को हाइड्रेटेड रखने और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं से बचाने की दिशा में बड़ा योगदान दे रहा है. आइए जानें यहां Water Bell in Kerala Schools 2025 के बारे में विस्तार से.
‘वाटर बेल’ क्या है और कब बजती है?
The Hindu व अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘वाटर बेल’ एक तय समय पर बजने वाली घंटी है जो बच्चों को पानी पीने के लिए प्रेरित करती है. घंटी बजते ही सभी छात्र अपनी-अपनी पानी की बोतल लेकर पानी पीते हैं. यह प्रक्रिया महज 2-3 मिनट की होती है लेकिन इससे बच्चों में नियमित पानी पीने की आदत विकसित होती है. इसके अंतर्गत तीन बार घंटी बजती है:
Water Bell in Kerala Schools 2025 शुरू करने की वजह यह है कि बच्चे अक्सर पढ़ाई, खेलकूद या अन्य गतिविधियों में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि पानी पीना भूल जाते हैं. इससे कई समस्याएं हो सकती हैं. ‘वाटर बेल’ बच्चों को समय पर पानी पीने की याद दिलाकर इन समस्याओं से बचने में मदद करती है और उन्हें ऊर्जावान बनाए रखती है.
राज्य से राष्ट्र तक: एक प्रेरणादायक कदम
यह पहल सबसे पहले केरल के कोझीकोड जिले के स्कूलों में शुरू हुई थी. इसकी सफलता के बाद अब इसे पूरे राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में लागू कर दिया गया है. अन्य राज्य भी इस विचार से प्रेरित होकर अपने स्कूलों में ‘वाटर बेल’ योजना को लागू करने पर विचार कर रहे हैं.