ATM का अविष्कारक: जॉन शेफर्ड-बैरोन
दुनिया के पहले एटीएम के अविष्कारक जॉन शेफर्ड-बैरोन थे, जो भारतीय राज्य मेघालय के शिलांग में 1925 में जन्मे थे. उन्होंने एटीएम का विचार तब किया जब वे एक दिन बैंक बंद होने के कारण पैसे नहीं निकाल पाए. उनकी प्रेरणा चॉकलेट वेंडिंग मशीन से मिली, जिससे उन्होंने सोचा कि क्यों न ऐसी मशीन बनाई जाए जो पैसे दे सके. उन्होंने इस विचार को बार्कलेज बैंक के अधिकारियों के सामने रखा, और लगभग दो साल बाद, 1967 में पहला एटीएम स्थापित किया गया.
भारत में एटीएम की शुरुआत
भारत में पहला एटीएम 1987 में मुंबई के एचएसबीसी बैंक की सहार रोड शाखा में स्थापित किया गया था. यह एटीएम भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एक नई क्रांति का प्रतीक बना. इसके बाद, एटीएम नेटवर्क का विस्तार तेजी से हुआ और आज भारत में लाखों एटीएम स्थापित हैं, जो लाखों लोगों को 24×7 बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं.
समय के साथ एटीएम में कई तकनीकी सुधार किए गए हैं. आजकल के एटीएम में न केवल नकद निकासी की सुविधा है, बल्कि बिल भुगतान, चेक जमा, मिनी स्टेटमेंट, और अन्य बैंकिंग सेवाएं भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा, कार्डलेस और संपर्क रहित लेन-देन की सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को और अधिक सुविधा मिल रही है.