IAS KK Pathak की नई पोस्टिंग, रखते हैं ये डिग्रियां

IAS KK Pathak: बिहार कैडर के 8 सीनियर आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार में पोस्टिंग मिली है. इसमें IAS केके पाठक को मंत्रिमंडल विभाग में पोस्टिंग मिली है. आईएएस केके पाठक की डिग्रियां और यूपीएससी रैंक शानदार है. आइए उनकी सफलता के पीछे के संघर्ष को करीब से जानते हैं.

By Ravi Mallick | June 25, 2025 11:47 AM
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IAS KK Pathak: बिहार कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी केके पाठक को हाल ही में केंद्र सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें मंत्रिमंडल विभाग में पोस्टिंग मिली है. केशव कुमार पाठक यानी IAS केके पाठक अपने सख्त प्रशासनिक रवैये और शानदार शैक्षणिक पृष्ठभूमि के लिए जाने जाते हैं. उनके कार्यकाल में कई बड़े बदलाव और फैसले देखे गए हैं. उनकी काबिलियत और सेवा भावना ने उन्हें हमेशा खास बनाया है.

IAS KK Pathak: केके पाठक की सक्सेस स्टोरी

IAS केके पाठक का जन्म 15 जनवरी 1968 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था. वे बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. उन्होंने अर्थशास्त्र से ग्रेजुएशन और फिर एमफिल की डिग्री हासिल की. उनकी शैक्षणिक योग्यता और दृढ़ निश्चय ने उन्हें UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता दिलाई. रिपोर्ट्स की माने तो उनकी रैंक टॉप 40 में थी. हालांकि, उनके रैंक को लेकर कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं है.

केके पाठक की पहली पोस्टिंग

1990 में उनकी पहली पोस्टिंग कटिहार में हुई थी. वर्ष 1996 में उन्हें बतौर डीएम पहली जिम्मेदारी मिली. साल 2005 में जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनी, तो उन्हें बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) का एमडी बनाया गया. इसके बाद उन्हें बिहार आवास बोर्ड का सीएमडी भी नियुक्त किया गया. 2010 में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए, लेकिन 2015 में नीतीश कुमार के अनुरोध पर वे फिर से बिहार लौट आए.

शराबबंदी में अहम जिम्मेदारी

2016 में बिहार सरकार द्वारा चलाए गए शराबबंदी अभियान में केके पाठक को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वे इस अभियान के प्रमुख प्रशासक के तौर पर सामने आए. उनके नेतृत्व में कई प्रभावी कदम उठाए गए. 2021 में उन्हें फिर से उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया गया. अब केंद्र सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल विभाग में नियुक्त किया है, जो उनकी प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है.

IAS केके पाठक का सफर मेहनत, कड़ी लगन और ईमानदारी का बेहतरीन उदाहरण है. वे उन अफसरों में गिने जाते हैं जिनकी पहचान केवल उनके पद से नहीं, बल्कि उनके काम और सिद्धांतों से होती है. उनके जैसी शख्सियत देश के प्रशासन को एक नई दिशा देने में सक्षम हैं.

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