दरभंगा से दिल्ली तक का सफर
बिहार के दरभंगा जिले से ताल्लुक रखने वाले दुर्गेश कुमार के पिता डॉ. हरिकृष्ण चौधरी, दरभंगा के सीएम आर्ट्स कॉलेज में प्रोफेसर थे और चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने. दुर्गेश ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई सीएम साइंस कॉलेज, दरभंगा से की और फिर अपने बड़े भाई के साथ 2001 में दिल्ली आ गए. भाई डॉ. शिवशक्ति चौधरी उस समय UPSC की तैयारी कर रहे थे.
NSD से मिली असली पहचान
इंजीनियरिंग में असफल होने के बाद दुर्गेश ने हिंदी साहित्य से स्नातक किया और थिएटर से जुड़ गए. उन्होंने श्रीराम सेंटर से दो साल का डिप्लोमा किया और फिर साल 2008 में NSD (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) में उनका चयन हो गया. यहीं से उन्होंने प्रोफेशनल एक्टिंग की शुरुआत की.
‘हाइवे’ से फिल्मी डेब्यू, फिर ‘पंचायत’ से धमाका
दुर्गेश ने पहले आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ के लिए ऑडिशन दिया था लेकिन भूमिका नहीं मिल सकी. बाद में इम्तियाज अली ने उन्हें फिल्म ‘हाइवे’ में कास्ट किया. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया, लेकिन असली पहचान उन्हें ‘पंचायत’ में भूषण उर्फ बनराकस बनकर ही मिली.
पहले मिला छोटा रोल, अब बन गए सीरीज की जान
शुरुआत में दुर्गेश को पंचायत में फोटोग्राफर का रोल मिलना था, जो किसी और को चला गया. फिर उन्हें भूषण का छोटा रोल दिया गया. लेकिन उनकी परफॉर्मेंस ने मेकर्स को इतना प्रभावित किया कि दूसरे और तीसरे सीजन में उनका किरदार केंद्र में आ गया.
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