What is Bihar Board Toppers Verification: बिहार बोर्ड में टॉपर्स वेरिफिकेशन क्या है?
बिहार स्कूल एग्जाम बोर्ड (BSEB) की तरफ से कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए रिजल्ट जारी होने से पहले टॉपर्स का वेरिफिकेशन किया जाता है. इसमें बोर्ड के अधिकारियों द्वारा टॉपर्स लिस्ट में शामिल होने वाले छात्रों का इंटरव्यू और टेस्ट लिया जाता है. बता दें कि टॉपर्स वेरिफिकेशन की प्रक्रिया लंबी होती है. आइए जानते हैं इसमें क्या-क्या शामिल है-
- बिहार बोर्ड टॉपर्स वेरिफिकेशन में सबसे पहले छात्र के कॉपी की फिर से जांच होती है.
- कॉपी चेक होने के बाद टॉपर्स का इंटरव्यू होता है.
- इंटरव्यू में पेपर के कुछ मौखित रूप से पूछे जाते हैं.
- टॉपर्स वेरिफिकेशन के दौरान कुछ सवालों को हल करने को भी कहा जाता है.
- वेरिफिकेशन के लिए शामिल होने वाले छात्रों के जवाब और परफॉर्मेंस के आधार पर ही अंक निर्धारित होता है.
Bihar Board 12th Result 2025: क्यों होता है टॉपर्स वेरिफिकेशन?
बिहार बोर्ड परीक्षा में चोरी और धांधली को रोकरने के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. बिहार बोर्ड टॉपर्स का वेरिफिकेशन प्रोसेस साल 2016 के बाद से शुरू हो गया है. साल 2016 में बिहार बोर्ड का रिजल्ट जारी होने के बाद रूबी रॉय नाम की लड़की ने आर्ट्स स्ट्रीम में स्टेट टॉप किया था. टीवी चैनल में इंटरव्यू के दौरान पता चला कि टॉपर रूबी रॉय को अपने विषयों के नाम तक याद नहीं है.
बिहार बोर्ड रिजल्ट में इस घोटाले के बाद से ही बिहार स्कूल एग्जाम बोर्ड (BSEB) की तरफ से टॉपर्स वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. बता दें कि इस वेरिफिकेशन के दौरान बोर्ड के अधिकारी टॉपर्स के घर भी जाते है. पूरी तरह से जांच होने के बाद ही फाइनल रिजल्ट और टॉपर्स लिस्ट जारी की जाती है.
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