Speech on Dr Ambedkar in Hindi 2025: डाॅ अंबेडकर जयंती पर भाषण ऐसे दें, बंध जाएगा समां!

Speech on Dr Ambedkar in Hindi 2025: डॉ. भीमराव अंबेडकर एक महान विचारक, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के निर्माता थे. उन्होंने सामाजिक समानता, शिक्षा और मानवाधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया. अंबेडकर जयंती पर उनका योगदान याद करते हुए हमें उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए.

By Shubham | April 13, 2025 8:01 PM
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Speech on Dr Ambedkar in Hindi 2025: डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है. वह भारत के सामाजिक और कानूनी बदलावों में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले महान विचारक थे. उन्होंने समानता, सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया. हर वर्ष 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है जो उनके विचारों और योगदान को याद करने का दिन है. अंबेडकर जयंती पर भाषण (Speech on Dr Ambedkar in Hindi 2025) के लिए छात्रों से कहा जाता है तो यह लेख आपके लिए है.

डाॅ. अंबेडकर पर भाषण (Speech on Dr Ambedkar in Hindi 2025)

2 मिनट के लिए डाॅ. अंबेडकर जयंती पर भाषण (Speech on Dr Ambedkar Jayanti in Hindi 2025) इस प्रकार है-

सभी को मेरा नमस्कार…आज मुझे डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के इस अवसर पर आप सभी के सामने अपने विचार रखने का अवसर मिला है, इसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं. डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था और वह सिर्फ संविधान के निर्माता ही नहीं, बल्कि एक महान विचारक, समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और मानवाधिकारों के पक्षधर भी थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज में समानता, न्याय और शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित किया.

उन्होंने हमेशा जातिवाद, छुआछूत और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई. उनका मानना था कि शिक्षा ही समाज को बदलने की सबसे बड़ी ताकत है. इसी सोच के तहत उन्होंने 1923 में “बहिष्कृत हितकारिणी सभा” की स्थापना की, जो शिक्षा और सामाजिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम था.

डॉ. अंबेडकर का शिक्षा के प्रति समर्पण अद्वितीय था. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की और अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की. वे कई भाषाओं के ज्ञाता थे और अनेक विषयों में गहरी समझ रखते थे.

1947 में भारत की आज़ादी के बाद, वे देश के पहले कानून मंत्री बने. बाद में उन्होंने जातिगत भेदभाव और अस्पृश्यता के विरोध में बौद्ध धर्म अपनाया और लाखों लोगों को भी इससे जोड़कर सामाजिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया.

डॉ. अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न दिया गया था जो उनके योगदान का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है. आइए, हम सभी इस महान नेता के विचारों को अपनाएं और एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण में योगदान दें.

धन्यवाद!

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डाॅ. अंबेडकर पर भाषण (Speech on Dr Ambedkar in Hindi 2025)

3 मिनट के लिए डाॅ. अंबेडकर जयंती पर भाषण (Speech on Dr Ambedkar Jayanti in Hindi 2025) इस प्रकार है-

सभी को सुप्रभात! आदरणीय प्रधानाचार्य, सभी शिक्षकों और मेरे प्रिय साथियों को मेरा सादर नमस्कार.

आज मुझे यह अवसर मिला है कि मैं आप सभी के समक्ष भारत के महान विचारक, संविधान निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में अपने विचार साझा कर सकूं. इसके लिए मैं अपने शिक्षकों का धन्यवाद करता हूं.

डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था था और वह एक महान बुद्धिजीवी, कानूनविद, अर्थशास्त्री और सामाजिक न्याय के पक्षधर थे. उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को समान अधिकार दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया.

कई भाषाओं के जानकार थे बाबा साहेब (Speech on Dr Ambedkar)

बाबा साहेब ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर यह सिद्ध किया कि कठिनाइयां किसी की सफलता में बाधा नहीं बन सकतीं. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की और अनेक विषयों में महारत हासिल की. वह कई भाषाओं में पारंगत थे और शिक्षा के महत्व को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना उनका लक्ष्य था.

सामाजिक समानता के लिए कई आंदोलन (Speech on Dr Ambedkar Jayanti in Hindi 2025)

डॉ. अंबेडकर ने समाज में छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने सामाजिक समानता के लिए कई आंदोलन किए, जैसे – मंदिर प्रवेश आंदोलन और पानी के अधिकार के लिए महाड़ सत्याग्रह. उनके प्रयासों से लाखों लोगों को नया आत्मविश्वास मिला. बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और सामाजिक समरसता का संदेश दिया. स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई.

बाबा साहेब के जीवन से मिलती है ये सीख (Speech on Dr Ambedkar)

बाबा साहेब के महान कार्यों और विचारों को सम्मानित करते हुए, वर्ष 1990 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उनका जीवन हम सभी को यह सिखाता है कि अगर इच्छा मजबूत हो तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं. आइए, इस अंबेडकर जयंती पर हम सभी यह संकल्प लें कि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलेंगे और एक न्यायपूर्ण, समान और शिक्षित समाज के निर्माण में योगदान देंगे.

धन्यवाद!

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