Success Story: गर्लफ्रेंड से मिला धोखा, IIT से पढ़े आदित्य पांडे ने MBA की नौकरी छोड़ UPSC में पाई 48वीं रैंक

Success Story: IAS अधिकारी आदित्य पांडेय की प्रेरक कहानी, जो ब्रेकअप से लेकर UPSC में 48वीं रैंक तक पहुंची. जानिए कैसे तुलसीदास और दिनकर की पंक्तियां बनीं उनके संघर्ष की ताकत.

By Govind Jee | May 24, 2025 12:02 PM
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“त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत् ॥”

Success Story in Hindi: रामचरितमानस की यह अमूल्य सीख IAS अधिकारी आदित्य पांडेय के जीवन का मार्गदर्शन बनी. उनका मानना है कि काम, क्रोध और लोभ जैसी कमजोरियां आत्मविनाश का कारण बनती हैं और इनका त्याग कर ही कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य की ओर सच्चे मन से बढ़ सकता है. इसी सोच ने उन्हें विषम परिस्थितियों में भी संतुलित रखा और UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता दिलाई.  

पटना जिले के विष्णुपुर पकड़ी गांव के रहने वाले आदित्य पांडेय की जिंदगी किसी रोचक उपन्यास से कम नहीं है. आदित्य की दसवीं कक्षा के दौरान हुए एक दिल तोड़ने वाले ब्रेकअप ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी. लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय, उसी दुख को अपनी ताकत बनाया और ठान लिया कि अब कुछ बड़ा करना है और वो था UPSC की परीक्षा पास करना. 

आदित्य ने केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग से स्कूली पढ़ाई की. इसके बाद लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (पंजाब) से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इंजीनियरिंग के बाद उन्हें महसूस हुआ कि उनकी असली रुचि कुछ और है, और फिर उन्होंने IIT रुड़की से MBA किया. 

MBA के बाद ICICI बैंक में काम मिला, लेकिन वहां की नौकरी ने उन्हें यह समझा दिया कि उनकी मंजिल कुछ और है. जनवरी 2020 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और UPSC की तैयारी में पूरी तरह जुट गए. 

Success Story: तीन बार असफलता, फिर भी नहीं टूटी हिम्मत

आदित्य के लिए UPSC की राह आसान नहीं थी. पहले तीन प्रयासों में सफलता नहीं मिली. 2021 के परिणाम में तो सिर्फ 2.5 अंक से वह चूक गए, जबकि वैकल्पिक विषय के तौर पर उन्होंने दर्शनशास्त्र चुना था. 

लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. पिछली असफलताओं से सीख लेकर उन्होंने खुद को और भी ज्यादा मजबूत किया और चौथे प्रयास में UPSC 2022 में 48वीं रैंक हासिल की. यह सिर्फ एक परीक्षा पास करने की बात नहीं थी, यह उनके आत्मविश्वास और जिद की जीत थी. 

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पिता और शिक्षकों ने की थी शंका, आज सबका गर्व बने

आदित्य की इस सफलता ने उन सभी को जवाब दे दिया जो कभी उनकी काबिलियत पर शक करते थे, चाहे वो उनके पिता हों या स्कूल के एक शिक्षक. उन्होंने दिखा दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता. आदित्य पांडेय आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्चे दिल से की जाए, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है. 

UPSC Success Story: प्रशासनिक अनुभव, फील्ड में भी दिखाया दमखम

UPSC में सफलता के बाद आदित्य पांडेय ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया. अगस्त 2023 में मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया. यहां तीन महीने की फाउंडेशन कोर्स के बाद उन्होंने भारत दर्शन और जिला प्रशिक्षण पूरा किया. 

प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने झारखंड के रांची जिले में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालीं, जनवरी 2025 में बुंडू नगर पंचायत के प्रशासक बने, कांके के प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के रूप में काम किया, इतकी में अंचलाधिकारी बने और फिर एक साल तक रांची में सहायक समाहर्ता सह सहायक दंडाधिकारी के रूप में कार्य किया. 

इसके बाद फरवरी 2025 में बुंडू अनुमंडल के SDO बने और अप्रैल 2025 से गृह मंत्रालय, नई दिल्ली में सहायक सचिव के पद पर कार्यरत हैं. 

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Aaditya Pandey UPSC Success Story: साधारण लेकिन सटीक रणनीति बनी सफलता की कुंजी

आदित्य मानते हैं कि वे कोई सुपरहीरो नहीं हैं, बस एक साधारण इंसान हैं जिन्होंने अपने लक्ष्य पर सही निशाना साधा. उन्होंने कभी 14–16 घंटे की पढ़ाई नहीं की, बल्कि लक्ष्य को अर्जुन की तरह देखा, केवल चिड़िया की आंख पर ध्यान केंद्रित किया. 

उनका मानना है कि आत्ममंथन, ईमानदारी और नैतिकता ही किसी भी सफलता की असली ताकत है. रामधारी सिंह दिनकर की ये पंक्तियां उन्हें हमेशा प्रेरित करती रहीं,

“खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़.
मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है. “

आदित्य का यही संदेश है, सही रास्ता चुनो, अपने सिद्धांतों पर अडिग रहो और कभी हार मत मानो. यही सफलता का असली मंत्र है. 

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