Success Story: कॉलेज में ही पुलिस में भर्ती होने का सपना संजो लिया था
श्रेष्ठा का जन्म उन्नाव में हुआ. वह पढ़ाई के लिए कानपुर आईं. उन्होंने कॉलेज के बाहर लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाएं देखीं. जब पुलिस से शिकायत की गई तो कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. तब उन्होंने तय किया कि वह खुद पुलिस अधिकारी बनेंगी और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटेंगी. इस फैसले में भाई मनीष प्रताप ने उनका पूरा साथ दिया. (DSP Shrestha Thakur in Hindi)
यूपी पीसीएस पास कर बनीं डीएसपी
साल 2012 में उन्होंने यूपी पीसीएस परीक्षा पास की और पीपीएस अधिकारी बन गईं. बुलंदशहर में पोस्टिंग के दौरान जब एक नेता ने ट्रैफिक नियम तोड़ा तो उन्होंने बिना किसी डर के उसका चालान काट दिया. इसके बाद राजनीतिक दबाव में उनका तबादला कर दिया गया. लेकिन श्रेष्ठा डटी रहीं. वह हमेशा कहती हैं- कानून सबके लिए बराबर है.
शादी में धोखा मिला, लेकिन टूटा नहीं
2018 में डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर ने खुद को आईआरएस अधिकारी बताने वाले रोहित राज नाम के शख्स से शादी की थी, लेकिन बाद में यह झूठ सामने आ गया और उन्हें धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करना पड़ा. श्रेष्ठा ने उससे तलाक ले लिया और उसके खिलाफ केस दर्ज करा दिया. इस मुश्किल वक्त में भी उसने हार नहीं मानी, लेकिन जेल से छूटने के बाद रोहित ने श्रेष्ठा पर झूठा केस दर्ज कराने और शादी के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
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Success Story DSP Shrestha Thakur: लड़कियों को दे रही है ताकत
आज श्रेष्ठा ताइक्वांडो ट्रेनिंग के जरिए लड़कियों को सेल्फ डिफेंस सिखाती हैं. उनका मानना है कि हर लड़की को खुद की सुरक्षा करना आना चाहिए. वह समाज में बदलाव की मिसाल बन गई हैं. श्रेष्ठा ठाकुर की कहानी हमें सिखाती है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता आपको रोक नहीं सकता.