Success Story: गोंडा की बेटी की ऊंची उड़ान, UPSC में रैंक-62, वैष्णवी से Interview में पूछा गया ये सवाल

Success Story: JNU से पढ़ाई कर यूपी की वैष्णवी पॉल ने UPSC 2022 में 62वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की. इंटरव्यू में पूछे गए एक मुश्किल सिचुएशनल सवाल का जवाब इतना प्रभावशाली था कि वो अफसर बन गईं. उनकी मेहनत, परिवार का समर्थन और शिक्षा के प्रति समर्पण ने उन्हें IAS बनाने में अहम भूमिका निभाई.

By Shubham | June 23, 2025 10:53 AM
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UPSC Success Story in Hindi: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. यह बात यूपी की बेटी वैष्णवी पॉल ने सच साबित कर दिखाई. चार बार की कोशिशों के बाद उन्होंने 2022 में UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 62 हासिल कर ली. यह कहानी सिर्फ एक सफल परीक्षा की नहीं, बल्कि सपने, संघर्ष और संकल्प की है. आइए जानें वैषण्वी की सफलता की कहानी (UPSC Success Story of Vaishnavi Paul in Hindi) विस्तार से जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी. 

खुद से किया वादा… IAS बनकर दिखाना है (UPSC Success Story)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैष्णवी बताती हैं कि उन्होंने खुद से IAS बनने का वादा किया था. यह वादा उन्होंने सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि दिन-रात की कड़ी मेहनत से निभाया. उनकी मां शिक्षक हैं, और उनसे मिली प्रेरणा ने उन्हें हर चुनौती से लड़ने की ताकत दी. उन्होंने कहा कि शिक्षा को हमेशा पहले स्थान पर रखा और बचपन से अखबार पढ़ने की आदत ने मुझे सोचने का नजरिया दिया.

छोटे शहर से लेकर JNU तक का सफर (UPSC IAS Success Story)

वैष्णवी ने गोंडा जिले के फातिमा स्कूल से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की. फिर उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया और बाद में JNU से मास्टर्स पूरा किया. उनकी शिक्षा यात्रा यह दिखाती है कि एक मध्यमवर्गीय छात्रा भी सपनों की ऊंचाई छू सकती है.

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इंटरव्यू में आत्मविश्वास (UPSC Success Story of Vaishnavi Paul)

IAS इंटरव्यू में वैष्णवी से एक दिलचस्प सवाल पूछा गया: “अगर आप नए डीएम हों और पिछले डीएम का एसपी से अच्छा रिश्ता नहीं था, तो क्या करेंगे?” उन्होंने आत्मविश्वास से जवाब देकर कहा कि मैं सकारात्मक दृष्टिकोण से शुरुआत करूंगी और आपसी तालमेल पर ध्यान दूंगी.

परिवार बना ताकत (Success Story in Hindi)

वैष्णवी कहती हैं कि उनकी सफलता अकेले की नहीं बल्कि उनके माता-पिता, बहन, मामा, शिक्षक और दोस्तों की भी है. मेरे परिवार ने कभी हार मानने नहीं दी, वही मेरी असली ताकत रहे.

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