आदित्य का सफर सिर्फ एक परीक्षा पास करने का नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास की मिसाल है. 12वीं के बाद ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे सिविल सेवा में जाएंगे. इसके लिए उन्होंने बैंक, KVS, इंजीनियरिंग एंट्रेंस जैसे करीब 30 एग्जाम्स दिए, लेकिन हर बार असफल हुए.
दिल्ली आकर बदली किस्मत
साल 2013 में आदित्य ने ठान लिया कि अब UPSC को ही लक्ष्य बनाना है. वे गांव छोड़कर दिल्ली पहुंचे और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. 2014 में पहला प्रयास किया, लेकिन प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाए. दूसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन ओवरकॉन्फिडेंस से चूक गए। तीसरे अटेंप्ट में भी असफलता मिली.
चौथा प्रयास बना निर्णायक
2017 में उन्होंने अपना चौथा प्रयास दिया और UPSC CSE 2018 में AIR 630 रैंक हासिल कर IPS अधिकारी बने. जो लोग कभी उन्हें ताने मारते थे, वही अब तारीफ करते हैं.
हारें नहीं, हर बार नया हौसला पाएं
आदित्य की कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो एक-दो बार की असफलता के बाद पीछे हट जाता है. उनका संघर्ष बताता है कि लगातार प्रयास और आत्मविश्वास से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है.
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