‘कैकेई’ से पहले इस फिल्म में दिखी थी पद्मा खन्ना

1987 में दूरदर्शन पर ऑनएयर हुआ 'रामायण' एक बहुत पसंदीदा पौराणिक शो था. इस शो में हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई. श्रीराम और माता सीता के साथ-साथ, कैकेई की भूमिका भी बहुत प्रसिद्ध थी. पता है, इस शो में पद्मा खन्ना भी नजर आईं, जो अमिताभ बच्चन की ऑनस्क्रीन पत्नी बन चुकी हैं.

By Pallavi Pandey | July 17, 2024 3:31 PM
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रामानंद सागर की रामायण में श्रीराम, रावण और महाबली हनुमान जैसे हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में बहुत प्यार पाया है. इस शो के री-टेलीकास्ट पर भी लोगों की उत्सुकता बरकरार रहती है. अरुण गोविल से लेकर दीपिका चिखलिया तक एक्टर्स जहां भी जाते हैं, तो उन्हें वही प्यार और सम्मान फैंस देते हैं.

रामानंद सागर की रामायण में एक और खास किरदार था, जिसने बहुत ध्यान आकर्षित किया था. वह किरदार था राजा दशरथ की तीसरी और सबसे प्रिय पत्नी कैकेई का, जिन्होंने श्रीराम को वनवास भेजा था. इस किरदार को ऐक्ट्रस पद्मा खन्ना ने निभाया था.पद्मा खन्ना ने इससे पहले भी अमिताभ बच्चन की पत्नी की भूमिका निभाई थी.

मशहूर गाने में दिखी थी पद्मा खन्ना

उस वक्त एक गाना था जिसे “मैं तो सज गई रे, सजना के लिए…” बैठी शादीशुदा महिला के होंठों पर छाया करता था, जब वह साज-श्रृंगार में थी. यह गाना 1973 में फिल्म ‘सौदागर’ में था, जिसमें अमिताभ बच्चन और नूतन ने मुख्य भूमिका निभाई थीं.

‘सौदागार’ की कहानी

फिल्म ‘सौदागर’ एक कहानी है जो दो लोगों के बारे में है, जो गुड़ बेचकर गुजारा करते हैं. इस फिल्म में एक एक्ट्रेस ने फूलबानो की भूमिका निभाई, जिससे अमिताभ बच्चन को प्यार हो जाता है और वे उससे शादी कर लेते हैं. फिल्म में मोती नामक एक व्यक्ति का किरदार है, जो उम्मीद करता है कि फूलबानो उसी तरह का गुड़ बनाएगी जैसा कि मजूबी ने बनाया है, लेकिन उसकी सारी गुड़ जला दी जाती है और उसका व्यापार खतरे में पड़ जाता है. इससे धीरे-धीरे दोनों के रिश्ते में कठिनाई आने लगती है. अंत में दिखाया गया है कि फूलबानो, जो मोती और मजूबी की बातें सुन रही थी, जब उसे सच्चाई पता चलती है, तो वह नूतन को गले लगाती है और कहानी उसी पर खत्म हो जाती है.

बॉलीवुड करियर की शुरुआत

पद्मा ने भोजपुरी फिल्म में अपनी एक्टिंग की शुरुआत की थी. पद्मा एक ट्रेंड डांसर हैं और उन्होंने बिरजू महाराज के शिक्षा ली है. पद्मा को शक्ति कपूर की साली और बॉलीवुड ऐक्ट्रस पद्मिनी और वैजंती माला के कहने पर बॉलीवुड में एंट्री मिली थी. 1966 में फिल्म ‘बीवी और मकान’ से शुरू हुआ. उन्होंने इसके बाद ‘ये जिंदगी कितनी हसीन है’, ‘साज और आवाज’, ‘बहारों के सपने’, ‘हीर रांझा’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘प्यार दीवाना’, ‘सौदागर’ और ‘दाग’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने हिंदी सिनेमा के अलावा भोजपुरी, गुजराती, उड़िया, पंजाबी, मराठी और तेलुगु फिल्मों में भी अपना जलवा दिखाया.

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