Home Badi Khabar कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अवमानना मामले में माफी मांगने से किया इंकार, कहा,’ चुटकुले हकीकत नहीं होते’

कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अवमानना मामले में माफी मांगने से किया इंकार, कहा,’ चुटकुले हकीकत नहीं होते’

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कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अवमानना मामले में माफी मांगने से किया इंकार, कहा,’ चुटकुले हकीकत नहीं होते’

कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) ने अवमानना मामले से माफी मांगने से इंकार कर दिया है. उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर हलफनामे में कहा कि, चुटकुले वास्‍तविक नहीं होते हैं और वो ऐसा होने का दावा भी नहीं करते हैं. उन्‍होंने यह भी कहा कि चुटकुलों के लिए बचाव की कोई आवश्‍यकता नहीं है. दरअसल कुणाल कामरा को सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की अवमाननाका नोटिस दिया था और अगले 6 हफ्ते में नोटिस का जवाब देने को कहा था.

कुणाल कामरा का कहना है कि, अगर अदालत का मानना है कि वह लाइन पार कर चुके हैं और अनिश्चित काल के लिए मेरा इंटरनेट बंद करना चाहते हैं, तो मैं भी ‘मेरे कश्मीरी दोस्तों की तरह हर 15 अगस्त को हैप्पी इंडिपेंडेंस डे पोस्ट कार्ड लिखूंगा.’ उन्होंने कहा है कि, लोकतंत्र में सत्ता की किसी भी संस्था को आलोचना से परे मानना तर्कहीन और अलोकतांत्रिक है.

उन्होंने कहा, “मैं कई मामलों में कोर्ट के फैसले से असहमत हो सकता हूं, लेकिन मैं इस पीठ से वादा करता हूं कि मैं उनके फैसले का सम्मान करूंगा एक व्यापक मुस्कान के साथ. मैं इस मामले में विशेष रूप से इस पीठ या सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना नहीं करूंगा क्योंकि यह वास्तव में अदालत की अवमानना होगी.’ बता दें कि कुणाल कामरा पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप है.

कुणाल कामरा ने कहा,’ हम भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला देख रहे हैं, जिसमें मुनव्वर फारूकी जैसे हास्य कलाकारों को चुटकुलों के लिए जेल में डाल दिया गया है, जो कि उन्‍होंने बनाया भी नहीं हैं. स्कूल के छात्रों को देशद्रोह के लिए पूछताछ की जा रही है. ऐसे समय में, मुझे उम्मीद है कि यह अदालत प्रदर्शित करेगी कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कार्डिनल संवैधानिक मूल्य है.’

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क्या है मामला

कामरा ने बीते दिनों अर्नब गोस्वामी की रिहाई के बाद कथित विवादित ट्वीट किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब की अंतरिम जमानत की मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए जल्द-से-जल्द रिहा करने का आदेश दिया था. मिलने के बाद कामरा ने जमानत का आदेश देने वाले जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के लिए कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था.

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