Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi की दोबारा वापसी पर एकता कपूर ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं- उस ऐतिहासिक टीआरपी…
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi: एकता कपूर का ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ 25 साल बाद लौट रहा है. जिसमें एक बार फिर तुसली वीरानी के किरदार में स्मृति ईरानी और मिहिर वीरानी के रोल में अमर उपाध्याय हैं. अब एकता ने इसे दोबारा लाने के पीछे की वजह का खुलासा किया है.
By Sheetal Choubey | July 10, 2025 1:19 PM
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi: टीवी इतिहास के सबसे आइकॉनिक शोज में से एक, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ अब सीजन 2 के साथ दोबारा लौट रहा है. सालों तक दर्शकों के दिलों पर राज करने के बाद, स्मृति ईरानी और अमर उपाध्याय की जोड़ी एक बार फिर टीवी स्क्रीन पर नजर आने वाली है. शो का फर्स्ट लुक प्रोमो जारी हो चुका है, जिसमें तुलसी एक बार फिर अपनी साड़ी और गंभीर अंदाज में दिखाई दे रही हैं.
इस बीच अब एकता कपूर ने शो की वापसी को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर क्यों 25 साल बाद दोबारा ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ को लाने का फैसला किया.
‘उन यादों से कभी जीता नहीं जा सकता…’
उन्होंने इंस्टाग्राम पर क्यों ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’? क्यों अब? टाइटल से एक लंबा चौड़ा स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें लिखा, जब ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के 25 साल पुरे होने को आए और इसे फिर से टीवी पर प्रसारित करने की बातें उठने लगी, तो मेरी पहली प्रतिक्रिया थी “नहीं! बिलकुल नहीं!” मैं क्यों उस पुरानी याद को छेड़ना चाहूंगी. जो लोग पुरानी याद को समझते हैं, वह जानते हैं कि उन यादों से कभी जीता नहीं जा सकता. वह हमेशा प्रधान रही हैं और रहेंगी.’
उन्होंने आगे कहा, हम अपने बचपन को जैसे याद करते हैं और वह असल में जैसा रहा है, दोनों में फर्क है और रहेगा भी. टीवी का परिदृश्य अब बहुत बदल चुका है. एक दौर था जब मात्र 9 शहरों में हमारे दर्शकों की संख्या बेटी हुई थी. और आज वही संख्या कई अलग अलग टकड़ों में बंट गई है, अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर फैल चुकी है.
‘भारतीयघरों की महिलाओं को एक आवाज दी…’
एकता ने पोस्ट में शो के इम्पोर्टेंस के बारे में सवाल करते हुए लिखा, “क्या ये ‘क्योंकि’ की उस विरासत को संभाल पाएंगे? उस ऐतिहासिक टीआरपी को, जो फिर कभी किसी और धारावाहिक को नहीं मिली. लेकिन क्या टीआरपी ही उस शो की असली विरासत थी? क्या वो बस अंकों का खेल था? एक इंटरनेशनल संस्था द्वारा किए गए रिसर्च में सामने आया कि इस शो ने भारतीयघरों की महिलाओं को एक आवाज दी.
“2000 से 2005 के बीच पहली बार, महिलाएं घर की बातचीत में हिस्सा लेने लगीं, एक बदलाव जो सीधे तौर पर भारतीय टेलीविजन और खासकर ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ और कहानी ‘घर घर की’ से प्रेरित हुआ.”