देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘‘कुछ तो किया जाना चाहिए. आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं. यह सभी के लिए उपलब्ध है. ओटीटी (ओवर द टॉप) कंटेंट सभी के लिए उपलब्ध है. आप लोगों को किस तरह का विकल्प दे रहे हैं?…इसके विपरीत आप युवाओं के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं.”
इस देश में पसंद की स्वतंत्रता है
एकता कपूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, लेकिन ऐसी कोई उम्मीद नहीं है कि मामला जल्द ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले भी इसी तरह के मामले में कपूर को संरक्षण दिया था. रोहतगी ने कहा कि सीरीज की सामग्री सदस्यता आधारित है और इस देश में पसंद की स्वतंत्रता है. इस पर, अदालत ने पूछा कि लोगों को किस तरह का विकल्प दिया जा रहा है.
हमने आदेश देखा है और हमारी आपत्तियां हैं
पीठ ने कहा, ‘‘हर बार जब आप इस अदालत में आते हैं…हम इसकी सराहना नहीं करते. हम इस तरह की याचिका दायर करने के लिए आप पर जुर्माना लगाएंगे. श्री रोहतगी कृपया इसे अपने मुवक्किल को बताएं. सिर्फ इसलिए कि आप अच्छे वकील की सेवा ले सकते हैं…यह अदालत उनके लिए नहीं है, जिनके पास आवाज है.” पीठ ने कहा, ‘‘यह अदालत उनके लिए काम करती है, जिनके पास आवाज नहीं है…जिन लोगों के पास हर तरह की सुविधाएं हैं, अगर उन्हें न्याय नहीं मिल सकता है तो आम आदमी की स्थिति के बारे में सोचें. हमने आदेश देखा है और हमारी आपत्तियां हैं.”
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एकता कपूर के सीरीज पर लगाये थे ये आरोप
शीर्ष अदालत ने मामले को लंबित रखा और सुझाव दिया कि उच्च न्यायालय में सुनवाई की स्थिति के बारे में जानने के लिए एक स्थानीय वकील की सेवा ली जा सकती है. बिहार के बेगूसराय की एक अदालत ने पूर्व सैनिक शंभू कुमार की शिकायत पर वारंट जारी किया था. कुमार ने 2020 की अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सीरीज ‘एक्सएक्सएक्स’ (सीजन-2) में एक सैनिक की पत्नी से जुड़े कई आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए.
पीटीआई भाषा से इनपुट