Gram Chikitsalay के विनय पाठक पर लगे साहित्यिक चोरी के आरोप, कोलकाता के निर्माता ने तोड़ी चुप्पी

Gram Chikitsalay: कुछ दिनों पहले ही 'ग्राम चिकित्सालय' वेब सीरीज के निर्माताओं ने अमेजन प्राइम वीडियो के यूट्यूब चैनल पर सीरीज के ट्रेलर को जारी किया है. 9 मई को इस सीरीज का प्रीमियर रिलीज होने वाला है, लेकिन रिलीज से पहले ही कोलकाता के एक फिल्म निर्माता ने एक्टर विनय पाठक पर साहित्यिक चोरी के आरोप लगा दिए है.

By Shreya Sharma | May 8, 2025 10:41 AM
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Gram Chikitsalay: हाल ही में गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बनी वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ का ट्रेलर रिलीज किया है. 9 मई से अमेजन प्राइम वीडियो पर इस सीरीज का प्रीमियर शुरू हो जायेगा. अमेजन प्राइम वीडियो के मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज पंचायत के मेकर्स ने इसका निर्माण किया है. लेकिन सीरीज के रिलीज से पहले इसपर साहित्यिक चोरी के आरोप लगे है. एक्टर विनय पाठक पर कोलकाता के फिल्म निर्माता अनिंद्यविकास दत्ता ने मूल स्क्रिप्ट ‘क्वैक शंकर’ की नकल करने का आरोप लगा दिया है. स्कीनराइटर एसोसिएशन (SWA) के सदस्य अनिंद्यविकास दत्ता ने इस सीरीज की कहानी को बताने के लिए फसेबूक पर एक पोस्ट किया, जिसमें यह दावा किया गया कि यह सीरीज उनकी स्क्रिप्ट और कहानी जैसी ही है क्योंकि 2021 में अनिंद्यविकास दत्ता ने इसकी कहानी विनय पाठक से साझा किया था.

कोलकाता के निर्माता ने लगाए कॉपीराइट के आरोप

अनिंद्यविकास दत्ता ने बताया कि क्वैक शंकर में मुख्य भूमिका के लिए उन्होंने विनय पाठक से संपर्क किया था और उसकी इसकी कहानी और स्क्रिप्ट पर चर्चा की थी. विनय ने पहले इसके लिए दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन बाद में यह आगे नहीं बढ़ पाई. लेकिन अब दो साल बाद अनिंद्यविकास दत्ता ग्राम चिकित्सालय के ट्रेलर को देखकर हैरान रह गए, क्योंकि इसकी कहानी बिलकुल एक जैसी है. फेसबुक पर पोस्ट कर अनिंद्यविकास दत्ता ने लिखा, ‘मैं एक लेखक/फिल्म निर्माता SWA का भी सदस्य हूं. मेरी एक कहानी – क्वैक शंकर (संदर्भ संख्या 1607055694, दिनांक 04/12/2020) के साथ कॉपीराइट/आईपी अधिकारों के उल्लंघन की घटना हुई है.’

गांव की चिकित्सा व्यवस्था को उजागर करती है सीरीज

अनिंद्यविकास दत्ता ने आगे बताया कि ‘ग्राम चिकित्सालय की कहानी और स्क्रिप्ट मेरे मूल कहानी से बहुत मिलते है. मेरा यह प्रोजेक्ट अभी भी प्री-प्रोडक्शन में है और मैंने अभी तक इसमें अपना टाइम और बहुत पैसे भी लगाए है.’ अपने इस दावों का समर्थन करते हुए उन्होंने विनय पाठक के साथ बातचीत की स्क्रीनशॉट भी शेयर की है. आपको बता दें, इस सीरीज में गांव की चिकित्सा व्यवस्था को उजागर किया गया है, जिसमें झोला छाप डॉक्टर और एक पढ़े लिखे डॉक्टर के बीच अंतर दिखाया गया है. गांव के लोग सरकारी अस्पताल और उस पढ़े लिखे डॉक्टर पर शक करते है, जबकि उस झोला छाप डॉक्टर से इलाज के लिए लम्बी कतार में बैठे रहते है.

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