Yami Gautam:अभिनेत्री का खुलासा फिल्म में सबसे मुश्किल गालियां देना था

यामी गौतम धर ने इस इंटरव्यू में अपने मदरहुड के साथ -साथ अभिनेत्री के तौर पर अपनी जर्नी के बारे में बात की है.

By Urmila Kori | February 16, 2025 10:05 AM
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yami gautam :ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर बीते 14 फरवरी से  फिल्म धूम धाम इनदिनों स्ट्रीम कर रही है. इस एक्शन कॉमेडी फिल्म में परदे पर यामी गौतम धर और प्रतीक गांधी की जोड़ी बनी हुई है. मदरहुड के बाद अभिनेत्री यामी गौतम धर ने इस फिल्म से वापसी की है.इस फिल्म की मेकिंग और फिल्म की शूटिंग से जुड़े रोचक पहलुओं पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत के प्रमुख अंश

बाइक चलानी सीखी  

इस फिल्म में जो कोयल का किरदार है.मैंने  इस तरह का किरदार कभी नहीं किया था. वह मुझसे निजी जिंदगी में काफी अलग है. किरदार को सही तरह से पकड़ने के लिए मैंने स्क्रिप्ट रीडिंग कई बार किया. इस फिल्ल्म में मैं बाइक चलाते हुए नजर आ रही हूं. इस फिल्म से पहले मैंने कभी बाइक नहीं चलायी थी. वो भी हार्ले डैविडसन, जिस वजह से मुझे ट्रेनिंग लेनी पड़ी.इस फिल्म की शूटिंग रात में ज्यादातर हुई है,इसलिए मुझे सुबह बाइक की  क्लासेज लेनी पड़ती थी.थैंक गॉड मैंने फिल्म के शॉट में अच्छी तरह से बाइक चला ली.

गाली देने को लेकर बहुत असहज हो गयी थी  

इस फिल्म में मेरा किरदार बहुत ही बोल्ड और बिंदास है. जो जमकर गालियां बकती भी नजर आ रही हैं. सच कहूं तो मोनोलॉग वाले सीन में गाली देने के उस सीक्वेंस की शूटिंग को लेकर मैं बहुत असहज थी.मैंने अपनी जिंदगी में कभी गाली नहीं दी है.मोनोलॉग की प्रैक्टिस करते हुए सब आसानी से बोल ले रही थी ,लेकिन वो गालियां नहीं आ रही थी. मैं कैसे गाली बक सकती हूं. क्या संवाद में बदलाव हो सकते हैं, जिसके बाद आदित्य से मैंने बात की.आदित्य ने समझाया कि यामी गाली नहीं दे रही है बल्कि फिल्म में कोयल का किरदार गाली दे रही है और यह सीन की डिमांड है. आदित्य को मुझे कन्विंस करने में एक से दो घंटे चले गए थे. उसके बाद मैं सीन की शूटिंग को तैयार हो गयी थी और अगले दिन एक टेक में ही वह सीन पूरा कर दिया था हालांकि निर्देशक ऋषभ ने मुझे चिढ़ाने के लिए कहा कि फिर से ये टेक करना पड़ेगा.सच कहूं तो मैं गाली गलौज वाले शोज और फिल्मों से दूर ही रहना पसंद करती हूं. 

एक्शन जैक्शन के गाने से फिल्म का शीर्षक प्रेरित नहीं

 2014 में रिलीज हुई मेरी अजय देवगन के साथ फिल्म एक्शन जैक्सन का गीत बस तेरी धूम धाम है.फिल्म के लोकप्रिय गीतों में शुमार रहा है. लेकिन वह गीत इस फिल्म के शीर्षक की प्रेरणा नहीं है. इसका विषय ऐसा है इसलिए फिल्म का यह नाम रखा गया है. वैसे  मुझे नहीं लगता कि आदित्य मुझसे इतना ज्यादा प्यार करते हैं कि उन्होंने वह फिल्म देखी होगी और वह गाना उन्हें याद होगा. वैसे उस गाने की बात करूं तो अब वो ज्यादा पॉपुलर हो गया है. (हंसते हुए )उस गाने की  शूटिंग मेरे लिए आसान नहीं थी. मैं झाड़ियों से भाग रही हूं।  मैंने साड़ी उस गाने में पहनी हुई थी. अजय सर सिर्फ एक जगह पर खड़े होकर ऊँगली दो उठाकर नाच कर चले जा रहे थे और मैं भागा भागी कर रही हूं. पहाड़ पर भी गाने की शूटिंग हुई है लेकिन लोकेशन बदलने के बावजूद  प्रभु सर का पूरे गाने के वक़्त यही इंस्ट्रक्शन होता था कि यामी यू गो एंड रन और लिटिल मोर एनर्जी. हांफते हुए जैसे तैसे  शूट पूरा हुआ था.

प्रतीक कमाल के को एक्टर

प्रतीक की बात करूं तो उनके पास डेट्स नहीं होती है. वह बहुत व्यस्त रहते हैं. वह सेट पर कहीं से आ रहे होते थे. कई बार ट्रैफिक में वह कार को छोड़कर पैदल पहुंच जाते थे. उनके जैसे अभिनेताओं के साथ काम करने की खूबसूरती यह है कि वह अपने बारे में नहीं सोचते, वह सीन  को बहुत कुछ देने की कोशिश करते हैं. वह अद्भुत हैं और वह बहुत धैर्यवान अभिनेता हैं और ऐसा करना आसान बात नहीं है. वह हर किसी के लिए मौजूद रहते हैं.उनकी जिंदगी में ईगो  के लिए कोई जगह नहीं है.

आदित्य और मैं एक दूसरे को सशक्त बनाते हैं 

मुझे लगता है कि एक अच्छा रिश्ता वह होता है जहां आप एक-दूसरे को सशक्त बनाते हैं. हम एक ही फील्ड से ताल्लुक रखते हैं. मैं स्क्रीन पर हूं और वह लेखक, निर्देशक और निर्माता हैं. मैं मानती हूं कि उरी में उन्होंने मुझे इस भूमिका में कास्ट करके उस पैटर्न को तोड़ा, जिसमें लोग मुझे बेचारी लड़की की ही भूमिका दे रहे थे, लेकिन मैं बताना चाहूंगी कि मैं वही अभिनेत्री हूं ,जिसने विक्की डोनर जैसी फिल्म से डेब्यू किया था लेकिन लोग उसे भूल गए. उन्होंने उस पैटर्न को तोड़ा लेकिन काबिलियत मेरे अंदर थी. मैं एक उदाहरण से इस बात को समझाना चाहूंगी. एक बार  चार-पाँच स्टूडेंट्स को छोड़कर हम सभी गणित में फेल हो गए थे. बहुत  कठिन पेपर आया था. जिस लड़की ने क्लास में टॉप किया, उसकी माँ एक गणित की शिक्षिका थी और हर कोई इस बात का ज़िक्र कर रहा  था. वह मेरी दोस्त नहीं थी, इसलिए मैंने उसके बारे में ज़्यादा नहीं सोचा, लेकिन दसवीं तक वह हर वक़्त गणित में अव्वल रही. उसकी मां ने स्कूल छोड़ दिया था तो भी. कुलमिलाकर उसके पास अपनी मां की काबिलियत का फायदा था, लेकिन असल मेहनत उसी की थी.

आदित्य बेटे वेदविद को डकार दिलाने में माहिर हैं

 मैं खुश हूं कि  पर्सनल के साथ -साथ प्रोफेशनल लाइफ को फिर से बैलेंस करना शुरू कर दिया है. इसमें मैं श्रेय आदित्य को भी देना चाहूंगी. आठ महीने के बच्चे की पेरेंटिंग आसान नहीं है. वेदविद को डकार दिलाने में आदित्य माहिर है. हम  अपने बेटे को फ़ोन नहीं देते हैं,लेकिन बेटे का मनोरंजन आदित्य नाचकर गाकर करते हैं.बेटे के नाम से जुडी बातों पर मैं बताना चाहूंगी कि  वेदविद का मतलब वो है, जो  सभी वेदों को जानता है. भगवान कृष्ण और शिव जी को वेदविद कहा जाता है.  हमने बहुत सारे नामों में इसे शार्ट लिस्ट करवाया.  फिर हमारे गुरूजी से चेक करवाया है. उन्होंने भी इसी नाम को चुना. हम बहुत रिलीजियस और स्पिरिचुअल बैकग्राउंड से है.हम अपने बेटे का नाम ऐसा ही कुछ चाहते थे, जो शास्त्रों से जुड़ा हो इसलिए मुझे और आदित्य को यही नाम पसंद आया. 

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