उन्होंने बताया कि ज्यादातर इम्युनकंप्रोमाइज मरीजों में यह स्थिति देखने को मिली है. वे बताते हैं कि यहां इम्युनकंप्रोमाइज का मतलब ऐसे मरीजों से है जिनकी इम्युनिटी रोग के दौरान प्रभावित हुई है. जैसे शुगर, कीमो थेरेपिस्ट, एचआईवी, कैंसर व किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट करवाने वाले मरीजों में भी इस बीमारी का खतरा अधिक है. इसके अलावा कई दिनों से जो मरीज आईसीयू में भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं उन्हें भी इससे खतरा है. डॉ ने यह भी बताया कि जिनकी इम्युनिटी स्ट्रांग है उन्हें इससे डरने की जरूरत नहीं है.
क्या ये कोविड का पोस्ट इफेक्ट है
डॉ. हिमांशु (Dr. Himanshu) बताते हैं कि ये कोविड पोस्ट इफेक्ट बिल्कुल नहीं है. बल्कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर हो गयी है. उनमें ऐसी स्थिति होने की संभावना अधिक होती है.
ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के लक्षण
-
सर्दी जुकाम से नाक जाम होना
-
सिर का भारीपन
-
आंखों के चारों ओर दर्द होना
-
नाक बहने के दौरान काले रंग के फंगस जैसा कुछ मिलना
-
आंखों का लाल हो जाना (जैसे इन्फेक्शन के बाद होता है)
-
आंखों से पानी आना
आंख तक निकालने की आ सकती है नौबत
डॉ. हिमांशु बताते हैं कि म्यूकरमाइकोसिस ऐसी जीव है जिसके कारण आंख तक निकालने की नौबत आ सकती है. अगर यह गंभीर हो गया है तो मरीज के ब्रेन के हिस्सों को भी क्षति पहुंचा सकता है. साथ ही साथ नाक व अन्य स्थानों की हड्डियों को भी सूखा सकता है.
Also Read: Healthy Lungs Tips: कोरोना काल में ऐसे रखें अपने लंग्स को मजबूत, लें ये फूड एंड ड्रिंक, प्रतिदिन करें ये 4 एक्सरसाइज
क्या है इससे बचाव के उपाय
अत: इसका समय पर इलाज शुरू कर देना चाहिए. डॉ. हिमांशु की मानें तो इससे बचाव के लिए किसी घरेलू उपाय को करने की जरूरत नहीं है बल्कि फौरन डॉक्टर की परामर्श से दवा लेकर कंट्रोल करने की कोशिश करें. वे बताते हैं कि लंबे समय तक स्टेरॉयड्स का सेवन करना भी फंगल इन्फेक्शन का प्रमुख कारण है.
Also Read: Corona से संक्रमित Diabetes Patient कैसे रखें अपने सेहत का ख्याल, क्या खाएं, किन चिजों से करें परहेज, जानें सबकुछ एक्सपर्ट से
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.