पीली मूंग दाल: मूंग दाल हल्की और आसानी से पचने वाली दाल है, यह पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाये रखती है. इसलिए यह दाल बरसात के मौसम के अनुकूल मानी जाती है. यह शरीर को प्रोटीन प्रदान करती है और संक्रमण से लड़ने में मददगार होती है. यदि आपको अपच और गैस की समस्या रहती है, तो यह दाल आपके लिए बहुत अच्छी है.
मसूर दाल: मसूर दाल की तासीर भले ही गर्म मानी जाती है, पर यह सुपाच्य होती है. इसे खाने के बाद पेट में भारीपन महसूस नहीं होता है. यह दाल एक तो जल्दी पकती है, दूसरे यह आसानी से पचती भी है. इस कारण न ही आपको अपच होती है, न ही गैस ही बनती है. पेट में भारीपन भी महसूस नहीं होता है.
अरहर की दाल: अरहर की दाल हालांकि भारी दाल मानी जाती है, पर यदि इसमें राई, जीरा और थोड़े से घी का तड़का लगा दिया जाये, तो यह आसानी पच जाती है. इस तरह आप बरसात में अरहर की डाल का सेवन कर सकते हैं. हालांकि यदि बरसात में आपको दाल पचने में समस्या आती है, तो इस दाल को विशेषकर रात में खाने से बचें.
इन दालों के सेवन से करें परहेज
राजमा: राजमा-चावल आपका कितना भी पसंदीदा भोजन क्यों न हो, पर बरसात में राजमा के सेवन से बचना चाहिए. यह दाल आसानी से नहीं पचती है. जिस कारण आपको गैस और बदहजमी की समस्या हो सकती है.
चना दाल: चना दाल भी भारी होती है, साथ ही यह अपच और गैस की समस्या भी बढ़ाती है. यह दाल कफ भी बढ़ाती है. ऐसे में बरसात में इसके सेवन से बचना चाहिए.
उड़द दाल: उड़द दाल सबसे भारी दाल मानी जाती है. बरसात के मौसम में इस दाल को खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में पाचन क्रिया थोड़ी सुस्त रहती है. ऐसे में इसे पचाना कठिन हो सकता है. बरसात में इस दाल का सेवन गैस, अपच और पेट दर्द की समस्या पैदा कर सकती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.