Cancer Cause: किचन में छिपे हैं कैंसर के खतरे, जल्द हटा लें ये चीजेंकैंसर जैसी गंभीर और खतरनाक बीमारी का नाम सुनकर सबका का रूह कांप जाती है. कैंसर आज वैश्विक स्तर पर एक अत्यंत घातक बीमारी बन चुका है. अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह देते हैं जिससे कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ना हो पाए. ऐसे में अगर आपके किचन में ये चीजें मौजूद हैं, तो तुरंत उसे हटा लें. वरना यह बहुत ही घातक सिद्ध होगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी के मुताबिक कैंसर भारत में मौत के प्रमुख कारणों में एक है. ऐसे में अगर आपसे यह बोला जाए कि आपके घर के किचन में ही कैंसर उत्पन्न करने वाली चीजें मौजूद हैं तो आप हैरान हो जाएंगे. जी हां सही सुना आपने हमारे घर के किचन में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनके नियमित इस्तेमाल से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है आज के इस लेख में किचन के उन चीजों के बारे में जानेंगे जिनसे कैंसर का खतरा हो सकता है.
नॉन स्टिक बर्तन
आजकल लोग किचन में लोहे के बर्तन के स्थान पर नॉन स्टिक बर्तन का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं. इन बर्तनों को बनाने में कई तरह के खतरनाक रसायन का इस्तेमाल किया होता है जो हमारे खाने के जरिए शरीर में जाकर गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इन बर्तनों को सिंथेटिक पॉलीमर मिलाकर बनाया गया होता है, जिसे पॉलीटेट्रा फ्लूरोएथलिन और टेफ्लॉन के नाम से भी जाना जाता है. तेज आंच की गर्मी से पिघल कर ये केमिकल हमारे शरीर में जाते हैं. साथ ही इन बर्तनों में खाना पकाने से शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है. नॉन स्टिक बर्तनों में मौजूद माइक्रो प्लास्टिक और नैनो प्लास्टिक खाने के साथ भीतर जाकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं.
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प्लास्टिक से बने बर्तन और अन्य प्लास्टिक के सामान
लगभग हर किसी के किचन में अक्सर प्लास्टिक से बने अनेक बर्तन और सामान दिख जाएंगे. रसोई घर में विभिन्न तरह के मसाले से लेकर के खाने के सामान रखने के लिए प्लास्टिक निर्मित अनेक चीजें और यहाँ तक की खाने के लिए आजकल प्लास्टिक के प्लेटो का इस्तेमाल भी किचन में खूब किया जा रहा है. घर में लगा वॉटर प्यूरीफायर भी प्लास्टिक से बना होता है. प्लास्टिक के नियमित इस्तेमाल से इसमें मौजूद माइक्रो प्लास्टिक हमारे शरीर में जमा होने लगते हैं. प्लास्टिक में बीपी नाम का एक बेहद खतरनाक रसायन मिलाया जाता है जो कैंसर जैसी बीमारी का कारण बन सकता है
रिफाइंड तेल
आजकल लोग अक्सर खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करना शुरू कर चुके हैं. रिफाइंड तेल को बनाने के प्रक्रिया के दौरान इनमें से सभी जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं . इतना ही नही रिफाइंड तेल प्रोटीन विहीन होता है . इस तेल में ट्रांस फैट पाया जाता है ट्रांस फैट हमारे हार्ट रोगों और कैंसर को बढ़ावा देता है. इसलिए जल्द से जल्द रिफाइंड तेल को अपने किचन से दूर करें.
टी बैग
अक्सर देखा जाता है कि लोग ग्रीन टी और चाय को जल्दबाजी में तैयार करने के लिए टी बैग का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सबको यह पता होना चाहिए कि टी बैग में मौजूद नैनो पार्टिकल्स कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकते हैं. जब इन टी बैग्स को गरम चाय या पानी में डाला जाता है तो इसमें मौजूद नैनो प्लास्टिक पानी के साथ मिलकर हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं जो आगे चलकर के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को पैदा कर सकते हैं.
बार्सिलोना की यूनिवर्सिटी के एक शोध में पाया कि गर्म पानी में टी बैग्स डुबाने पर अरबों की संख्या में माइक्रोप्लास्टिक्स निकलते हैं. इसलिए टी बैग वाली चाय पीने वाले सावधान हो जाएं.
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इनपुट– रिशु कुमार उपाध्याय
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