आमतौर पर माना जाता है कि शरीर में फैट या वसा की अधिकता से कई तरह के रोग होते हैं. खासतौर पर दिल की बीमारियां फैट की वजह से होती हैं. पर यह एक माना हुआ तथ्य भी है कि शरीर में एक उचित मात्रा में फैट का होना जरूरी है. क्योंकि फैट उन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में आते हैं जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. विटामिन मिनरल्स और प्रोटीन की तरह ही फैट भी हमारे ह्यूमन बॉडी का एक जरूरी न्यूट्रिएंट होता है. इसकी कमी नहीं होने दें.
महिलाएं अक्सर रूखी और बेजान बालों की समस्या से परेशान रहती हैं. इसकी एक बड़ी वजह होती है शरीर में वसा अर्थात फैट की आपूर्ति नहीं होना. हमारी बॉडी में कई फैट सॉल्युबल विटामिन जरूरी होते हैं. फैट नहीं होने की वजह से यह शरीर को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते. साथ ही विटामिन डी और ई ऑब्जर्व करने के लिए भी शरीर में फैट का होना जरूरी होता है. इसलिए में विटामिन की शरीर में कमी नहीं हो इसके लिए यह जरूरी है कि ह्यूमन बॉडी में फैट की निर्धारित मात्रा भी हो.
जॉइंट पेन की समस्या बढ़ती उम्र की महिलाओं में आमतौर पर पाई जाती हैं.इसके पीछे एक फैक्टर शरीर में फैट की कमी का होना भी होता है. शरीर में फैट की कमी की वजह से जोड़ों का दर्द और सूजन की समस्या होती है. इस समस्या को दूर करने के लिए अपनी डाइट में सीमित मात्रा में फैट वाली चीजों को शामिल करना चाहिए. इससे ह्यूमन बॉडी में फैट की कमी पूरी होती है.
शरीर में हार्मोन के बनने और उनके उत्सर्जन के लिए फैट जरूरी होता है. इसलिए शरीर में उचित मात्रा में फैट नहीं होने की स्थिति में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ सकता है. खासतौर पर इससे महिलाओं में पीरियड साइकिल प्रभावित होता है. पीरियड साइकिल पर इफेक्ट पड़ने से महिलाओं में रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसलिए यह महिलाओं के लिए अत्यंत जरूरी है कि शरीर में फैट अर्थात वसा की कमी नहीं होने दें.
यह सब को पता होता है कि फैट हमारे शरीर में एनर्जी का एक जरूरी सोर्स होता है. फैट की कमी आपमें थकान ला सकती है. किसी भी कार्य को करने के लिए जरूरी एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है. इसलिए शरीर में फैट का भी उचित मात्रा में होना जरूरी होता है. ताकि आपको प्रतिदिन के अपने कार्यों को करने के लिए आवश्यक एनर्जी मिलती रहे और आप को थकान महसूस न हो.
ह्यूमन बॉडी के लिए फैट पर्याप्त होने के बाद यदि इसकी अधिकता होती है तो यह कई तरह की बीमारियों की वजह बनती है. इनमें दिल की बीमारी, हार्ट अटैक का खतरा, गर्भावस्था के दौरान कॉम्पलिकेशन, डायबिटीज व अन्य बीमारियां शामिल हैं. इसलिए फैट का प्रयोग सीमित रूप से ही करें और उतना ही करें जितना शरीर के लिए आवश्यक है.
हमारे शरीर में फैट तापमान को स्थित रखने में मदद करता है. साथ ही यह हार्मोन के लेवल को बैलेंस करता है. विटामिन के संचयन के लिए भी फैट जरूरी होता है. इसके अलावा न्यूरोलॉजिकल और मेटाबॉलिज्म की दृष्टि से भी शरीर में सीमित मात्रा में फैट होना जरूरी है. महिलाओं के बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फैट प्रमुख भूमिका निभाता है.
कामकाजी महिलाओं को आमतौर पर हर रोज अपनी डाइट में 70 ग्राम फैट को शामिल करना चाहिए.
इस तरह पुरुष के लिए हर दिन 95 ग्राम फैट जरूरी होता है. इसे वह अपने डाइट से ले सकते हैं.
उचित मात्रा में बच्चों के लिए भी फैट जरूरी होता है. 10 साल तक के बच्चों के लिए 70 ग्राम फैट की जरूरत होती है.
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन जितनी कैलोरी एनर्जी की आवश्यकता होती है उसमें से 30 से 40 परसेंट तक यह फैट से मिलती है.
हमारी डेली डाइट में 15 से 20% गुड फैट जरूर शामिल होना चाहिए.
अंडा में हेल्दी फैट पाया जाता है. इसका सेवन शरीर के लिए अच्छा होता है.
डार्क चॉकलेट में भी हेल्दी फैट मिलता है. यह हेल्दी फैट के लिए खाया जा सकता है.
चीज में कैल्शियम, विटामिन बी 12, फॉस्फोरस और सेलेनियम के अलावा प्रचुर मात्रा में फैट होता है. इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
रोजाना सीमित मात्रा में शुद्ध देसी घी का सेवन करें तो शरीर में फैट की कमी पूरी हो जाएगी.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.
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