Fatty Liver: समय रहते अपने लाइफस्टाइल को सुधार लीजिए वरना फैटी लीवर बहुत बीमार कर देगा, जानिए इसके बारे में

Fatty Liver: खराब जीवनशैली का परिणाम कई स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों के रूप में सामने आता है ऐसी ही एक बीमारी है फैटी लीवर. भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति फैटी लीवर से पीड़ित है.

By Rishu Kumar Upadheyay | March 22, 2025 10:28 PM
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Fatty Liver: मॉडर्न समय की बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल का असर पूरे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है जिसके परिणाम स्वरूप ऊपर से पूरी तरह से स्वस्थ दिखने वाला इंसान भी कई बीमारियों से जकड़ा होता है. हमारे खाने पीने से लेकर के सोने तक की दिनचर्या अस्त-व्यस्त और असंतुलित हो चुकी है, जिसकी वजह से नित नई-नई बीमारियों की भी उत्पत्ति हो रही है, ऐसे ही एक बीमारी है फैटी लीवर. जिसने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से पांव पसारा है. फैटी लीवर की समस्या एक सरदर्द बन गई है. आजकल अमूमन हर घर में कोई न कोई फैटी लीवर से ग्रस्त या फैटी लीवर का भुक्त भोगी मिल ही जायेगा. एम्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 38% लोग गैर- अल्कोहलिक फैटी लीवर की बीमारी पीड़ित है और ये बीमारी 35% बच्चों को भी अपने चपेट में ले चुका है. अगर समय रहते इस बीमारी पर ध्यान ना दिया जाए तो कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए जरूरत है अपने जीवनशैली को बेहतर रखने की ताकि इस तरह की बीमारी की शुरुआत ही ना हो. आज के इस आर्टिकल में फैटी लीवर के बारे में जरूरी बातें बताएंगे.

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फैटी लीवर क्या है?

फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर में सामान्य से ज्यादा फैट यानी की वसा जमा हो जाता है. यह अल्कोहलिक और गैर अल्कोहलिक दोनों तरह का हो सकता है. अल्कोहलिक फैटी लीवर का मतलब अधिक शराब के सेवन से लिवर में फैट का बनना . वहीं गैर अल्कोहलिक मतलब अत्यधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थों, मोटापा और कोलेस्ट्रोल के कारण लीवर में फैट का जमा होना है. असंतुलित अनियमित, अनहाइजीनिक जीवनशैली और अनहेल्दी आहार के परिणामस्वरूप फैटी लीवर की समस्या देखने मिलती है. ज्यादातर मोटे लोग इसके शिकार होते हैं. फैटी लीवर का लक्षण जल्दी पकड़ में नही आता है, जिसके कारण लिवर डैमेज होने और कुछ अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है.

फैटी लीवर के लक्षण क्या हैं?

यह एक ऐसी बीमारी होती है, जिसके लक्षण जल्दी नही समझ आते हैं या कह सकते हैं कि इस बीमारी के लक्षण होते ही नहीं है वरन कुछ ऐसे संकेत होते हैं जिनपर अगर ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी का समय रहते पता लगाया जा सकता है. इसके संकेत कुछ इस प्रकार हैं.

  • थकान और कमजोरी: अगर आपको लगातार थकान और कमजोरी का अनुभव हो रहा है या बहुत जल्दी थक जाते हैं या लगातार आराम करने के बाद भी कमजोरी लग रही है तो यह फैटी लीवर के कारण हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लीवर में अवांछित और अत्यधिक मात्रा में फैट जमा होने के कारण लीवर की कार्य करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिस कारण शरीर को बेहतर ढंग से एनर्जी नही मिल पाता है.
  • पेट में दिक्कत: आमतौर पर पेट की दिक्कत तो बहुत लोगों को होते रहती है लेकिन अगर नियमित तौर पर पेट में भारीपन अकड़न, अपच, सूजन, दर्द जैसी समस्याएं रहती हैं तो सावधान होने की जरूरत है क्योंकि यह फैटी लीवर का संकेत हो सकता है. लिवर में फैट जमा होने की वजह से लीवर का आकार और वजन बढ़ जाता है जिससे आसपास के सभी जरूरी अंगों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है जिसके कारण पेट में भी समस्याएं उत्पन्न होती है और साथ ही पेट के दाहिने ऊपर साइड में दर्द की शिकायत रहती है.
  • वजन कम होना: वजन का कम होना तो मोटे लोगो के लिए अच्छा होता है लेकिन बिना मेहनत के अनावश्यक रूप से आपका वजन अगर घटने या अचानक वजन कम होने लगे तो यह फैटी लीवर का संकेत हो सकता है. फैटी लीवर होने के उपरांत भूख में कमी देखी जाती है और साथ ही लीवर का फंक्शन बेहतर ढंग से कार्य नही करता इसलिए शरीर न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण ठीक ढंग से नहीं कर पता है जिस कारण वजन कम होने लगता है.
  • स्किन और आंखों का पीला पड़ना: बिलीरुबिन पीला रंग का ऐसा लिक्विड है जो खून में मिला होता है और लीवर के द्वारा उसे ब्लड से अलग किया जाता है. फैटी लीवर की बीमारी में लिवर की कार्य क्षमता प्रभावित हो जाती है जिस कारण लीवर ब्लड से बिलीरुबिन को अलग करने में सक्षम नही हो पाता है जिस कारण ब्लड में पीलापन बढ़ाते जाता है और यही ब्लड के पूरे शरीर में दौड़ता है जिससे आंखें और स्किन पीली पड़ने लगती हैं इस स्थिति को पीलिया भी कहते हैं.
  • मानसिक भ्रम: लिवर खून को संसाधित और साफ करने का कार्य करता है.लीवर पर फैट जमा होने के कारण यह अच्छे से काम नही कर पाता है जिस वजह से खून को साफ करने की इसकी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. खून साफ नही होने से टॉक्सिंस की मात्रा बॉडी में बढ़ती जाती है जो मस्तिष्क में पहुंचकर मानसिक भ्रम की स्थिति पैदा करती है.

फैटी लीवर से बचने के लिए लाइफस्टाइल और आहार

आमतौर पर फैटी लीवर खराब जीवनशैली और अनहेल्दी आहार का परिणाम होता है. अगर अपने जीवनशैली और आहार में कुछ साकारात्मक परिवर्तन कर लिया जाय तो फैटी लीवर की बीमारी से बचा जा सकता है. इसके लिए कुछ इस प्रकार लाइफस्टाइल और आहार में परिवर्तन करना जरूरी है.

  • अगर आपका वजन ज्यादा हो गया है तो इसे तुरंत कम करें
  • नियमित तौर पर शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करें
  • उच्च वसा युक्त आहार से बचें
  • फास्ट फूड या अन्य जंक फूड से परहेज करें
  • पर्याप्त नींद लें
  • तनाव ना लें
  • पैदल चलने की आदत डालें
  • शराब का सेवन न करें
  • चाय को कम से कम पिएं
  • पर्याप्त पानी पिएं
  • हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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