यूरीन में बदलाव
यूरिन की मात्रा में कमी, यूरिन पास करने के समय दर्द या जलन, यूरिन में खून आना, झाग बनना , रुक रुक का यूरीन आना और यूरिन में गंध होना ये सभी लक्षण किडनी की समस्या के संकेत हो सकते हैं. अगर इस तरह की समस्या से आप आए दिन जूझते रहते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
थकान और कमजोरी
किडनी फेलियर की शुरुआती लक्षणों में थकान और कमजोरी आता है. ब्लड में जैसे-जैसे टॉक्सिंस की मात्रा बढ़ती जाती है वैसे-वैसे रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में कमी होने लगता है, जिससे एनीमिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. जिस कारण रेड ब्लड सेल्स ऑक्सिजन को पूरे शरीर में ले जाने में अपनी सक्षमता खोने लगते हैं, जिससे थकावट और कमजोरी महसूस होती है. किडनी में दिक्कत होने के शुरुआत में शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ने लगता है. इससे भी थकान और कमजोरी का अनुभव होता है.
खुजली की समस्या
किडनी खराब होने के प्रमुख लक्षणों में खुजली की समस्या भी शामिल है. किडनी की नियमित कार्यशाली प्रभावित होती है तो ब्लड में टॉक्सिंस की मात्रा बढ़ने लगती है. जिससे शरीर के त्वचा पर नियमित तौर पर खुजली होने लगती है. हालांकि खुजली के अन्य कई कारण भी होते हैं जैसे की चर्म रोग आदि.
सूजन और वजन में बढ़ोतरी
शरीर में किडनी संबंधी कोई समस्या होने पर किडनी का सामान्य फंक्शन सही तरीका से काम नहीं करता है. जिसकी वजह से किडनी यूरिन का निर्माण करने में सक्षम नहीं हो पाती है. साथ ही शरीर के अन्य पदार्थों के अपशिष्टों को तरल में परिवर्तित नहीं कर पाती है जिससे बॉडी में लिक्विड की मात्रा में वृद्धि होने लगती है और इस कारण सूजन और वजन में वृद्धि होने लगता है.
ब्लड प्रेशर में बदलाव
किडनी संबंधी कोई समस्या होने पर ब्लड प्रेशर में बदलाव देखा जाता है. अगर किडनी में कोई दिक्कत होती है तो खून में घुले अपशिष्ट पदार्थ छन नहीं पाते हैं, जिस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है . यही नहीं अगर किडनी संबंधी दिक्कत होती है तो इससे धमनियां सिकुड़ने का खतरा बना रहता है जिससे ब्लड प्रेशर में वृद्धि हो जाता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.