दिन भर के काम के बाद जब शाम आती है तो कई सारे लोग अपनी शाम को अलग-अलग तरीके से प्लान करता है कोई दोस्तों के साथ घूमने जाता है तो मूवी तो कोई आराम से सो जाता है. हम सब जानते हैं कि एक दिन में 24 घंटे होते हैं और समय से कीमती कुछ नहीं तो क्यों ना आप भी समय को व्यवस्थित करें. और इसका प्रभाव अपने जीवन में देखें
हर वक्त की तरह शाम का समय भी बेहद कीमती होता है. इसे ऐसे फिजूल में खर्च करना जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करना है. बहुत लोग बिना सोचे समझे सोशल मीडिया में घंटों टाइम बिताते हैं तो कई घंटों बाहर घूमते हैं या टीवी से चिपक जाते हैं. लेकिन गौर करने वाली बात है कि शाम का संदेश क्या है. दरअसल शाम हमें शांत से सोचने, चिंतन करने और अगले दिल के लिए बेहतर माहौल बनाने का एक अवसर देती है. अपनी लाइफस्टाइल की कुछ आदतों को बदलकर और कुछ नई आदतें शामिल करने से आपके मानसिक स्वास्थ्य, उत्पादकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है
अपने जीवन को बदलने के लिए कुछ इस तरह बदले शाम की दिनचर्या : अपने अनुभवों से सीखने और एक बौद्धिक मनुष्य बनने के लिए चिंतन करना बहुत जरूरी है. दिन की घटनाओं पर विचार करने के लिए कुछ पल निकालें और अपनी उपलब्धियों, चुनौतियों और सीखे गए सबक पर विचार करे. यह आत्मनिरीक्षण आपको अपने अनुभवों को बेहतर ढंग से समझने, व्यक्तिगत विकास और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देने में मदद करता है. अपने विचारों को लिखने से आपको नकारात्मक भावनाओं को दूर करने, तनाव से निपटने और मूड को बेहतर बनाने में मदद मिलती है
आज के डिजिटल वर्ल्ड में हर वक्त हर तरह की सूचनाओं का आदान प्रदान होता रहता है. पलक झपकते सूचनाओं की बौछार फायदेमंद और सुविधाजनक हो सकती है, लेकिन ये ध्यान भटकाने वाली भी हो सकती है इसलिए शाम के वक्त कुछ घंटे ऐसे निकालें जहां फोन, कंप्यूटर और टीवी ना हो हो इसके बजाय आन कुछ क्रिएटिव काम करें. इससे आपकी आंखों का तनाव कम होगा और मानसिक आराम मिलेगा. जिससे आपकी रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है
अगर आप योजना के तहत काम करते हैं तो आपका काम बहुत ही सही तरीके से होता है. साथ ही आपकी एनर्जी भी बचती है. इसलिए शाम को अगले दिन का प्लान बनाएं और अपने लक्ष्य लिख सकते हैं. अपने विचारों और कार्यों को व्यवस्थित करने से आप अपने दिन को प्राथमिकता और संरचना दे सकते है . इससे तनाव कम होगा और उत्पादकता बढ़ेगी. इसके अतिरिक्त, यह आपके दिमाग को आवश्यक कार्यों को भूलने की चिंता से मुक्त करता है जो अधिक आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है.
शाम के समय खुद के लिए वक्त निकालें और विश्राम अभ्यास या माइंडफुलनेस अभ्यास करें . जैसी तकनीकें आपके दिमाग और शरीर को आराम देने और शांत करने में मदद करती है. गहरी साँस लेने के व्यायाम, योग या ध्यान को अपनाएँ इससे हृदय गति को स्थिर करते हैं, और अधिक आरामदायक नींद के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं जिससे सुबह आप खुद को स्फूर्तिवान और तरोताजा महसूस कर सकते हैं इससे आपकी एकाग्रता और याद्दाश्त मजबूत होती है.
किताबों से अच्छा दोस्त नहीं होता और पर्सनल और प्रोफेशनल डेवलपमेट के लिए पढ़ना सबसे अच्छी आदत है. यह एक मानसिक कसरत है. जो आपकी सोच को तेज करता है. इसके अलावा, किताबें पढ़ने से आपकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता बढ़ती है, आप अधिक सहानुभूतिशील बनते हैं और आपकी सामाजिक क्षमताओं में सुधार होता है; पढ़ने से तनाव कम हो सकता है, अवसाद की भावनाएँ कम हो सकती हैं,यह आपको कंफ्यूज होने से बचाता है
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