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डेयरी प्रोडक्ट्स
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध और पनीर का सेवन कब्ज की समस्या का कारण बन सकता है. डेयरी प्रोडक्ट्स में लैक्टोज होता है बहुत लोगों में लेक्टोज इनटोलरेंस की समस्या होती है जिस वजह से शरीर लैक्टोज को नही पचा पाता है और इस कारण कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याएं होती हैं. डेयरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम और केसिन प्रोटीन की अधिकता भी होती है. कैल्शियम और केसिन प्रोटीन दोनो की अधिकता भी पाचन में बाधा बन सकता है, क्योंकि ये दोनो पेट में जल्दी नही टूट पाते हैं. इतना ही नहीं दूध और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स में संतृप्त वसा की मात्रा भी अधिक होती है और यह भी कब्ज का कारण बन सकता है.
केला
कच्चे केले में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है. स्टार्च की अधिकता पाचन क्रिया को खराब कर सकता है और कब्ज का कारण बन सकता है. हालांकि आप अगर बहुत ज्यादा पके हुए केले का सेवन करते हैं तो यह भी कब्ज का कारण बन सकता है क्योंकि इसमें चीनी की अधिकता होती है जो पाचन में रुकावट पैदा करेगा. फाइबर युक्त भोजन पाचन क्रिया दुरुस्त रखने के लिए जाना जाता है लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा फाइबर युक्त भोजन का सेवन करते हैं तो यह भी कब्ज को पैदा कर सकता है क्योंकि कच्चा केला अत्यधिक फाइबर के लिए भी जाना जाता है.
मैदा से बनी चीजें
अगर आप मैदा से बनी चीजे जैसे जैसे ब्रेड , बिस्कुट और कुकीज़ को खाने के शौकीन है तो आने वाले समय में कब्ज आपको भी हो सकता है. इसका कारण यह है कि मैदा में फाइबर की मात्रा बहुत कम होता है या ना मात्र होता है. इस वजह से मैदा से बनी चीजों को पचा पाना पेट के लिए सबसे मुश्किल कार्य होता है. मैदा से बने खाद्य पदार्थों में कई तरह के प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल भी किया जाता है .ये प्रिजर्वेटिव आंतो के अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं जिससे पाचन क्रिया खराब हो सकती है और कब्ज उत्पन्न होने की संभावना बन सकती है.
कॉफी
अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं तो आपको जानना चाहिए कि यह कब्ज का कारण बन सकता है. कॉफी में पाया जाने वाला कैफ़ीन पाचन का दुश्मन बन सकता है. कैफीन आंतों के संकुचन दर को कम कर सकता है, जिससे मल त्याग में परेशानी का अनुभव हो सकता है. इतना ही नही कैफीन शरीर को निर्जलीकृत ( डिहाइड्रेट ) भी करता है जिसके कारण आंतों के भीतर जमा अपशिष्ट पदार्थ कठोर हो सकता है और इस वजह से कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है. कॉफी का औसत पीएच 5 के आसपास होता है यानी कॉफी एसिडिक नेचर का होता है जो आंतों के पीएच लेवल को असंतुलित कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप आंतों में रहने वाले अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हों सकते हैं जो कब्ज का कारण बन सकता है.
रेड मीट
रेड मीट का अधिक सेवन करने वाले लोग सावधान हो हो जाएं क्योंकि यह कब्ज को जन्म दे सकता है. इसमें सैचुरेटेड फैट की अधिक मात्रा होती है. सैचुरेटेड फैट की अधिकता पेट में कब्ज का कारण बन सकता है. इसमें फाइबर की भी कमी होती है जिस कारण इसको पचा पाना मुश्किल होता है. रेड मीट में आयरन की अधिकता होती है और जरूरत से ज्यादा आयरन भी कब्ज में योगदान दे सकता है.
फास्ट फूड्स
फास्ट फूड का सेवन पाचन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता है. इसमें फाइबर्स की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए इसको पचा पाना मुश्किल होता है. इतना ही नहीं फास्ट फूड में वसा और चीनी की अधिकता भी होती है, जिस कारण यह पाचन संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है. बहुत ऐसे फास्ट फूड होते हैं जिनको लंबे समय तक स्टोर करने के लिए इनमें प्रिजर्वेटिव और एडिटिव्स मिलाया जाता है. ये प्रिजर्वेटिव और एडिटिव्स आंतों में बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ देते हैं जिससे पाचन की दिक्कत शुरू हो जाती है और इस तरह से फास्ट फूड कब्ज का कारण बनता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.