बॉर्डर फ़िल्म को याद करते हुए आज भी हमारे जवानों को वो लड़ाई याद आती है जो इस फ़िल्म के बनने की वजह बनी. बॉर्डर फ़िल्म कितनी सच्ची थी और क्या थी इसके पीछे की कहानी आईये हम आपको बताते हैं…
भारत और पाकिस्तान के बीच हुई ‘लोंगेवाला की लड़ाई’ पर बनी फ़िल्म है ‘बॉर्डर’. इस लड़ाई की सबसे खास बात ये थी कि इस पूरी लड़ाई में भारतीय सेना के केवल दो जवान ही शहीद हुए थे.
इस लड़ाई की खासियत को याद रखते हुए बॉर्डर फ़िल्म बनायीं गई. जो अब हर भारतीय जवान की पसंद है.
लोंगेवाला की लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में हुई थी. इस लड़ाई में 120 भारतीय सेना के जवानों ने 2000 पाकिस्तानी सेना के जवानों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था.
सबसे रोचक तथ्य यह है कि इस लड़ाई में भारतीय सेना के पास सिर्फ एक जीप थी जिस पर एम40 की राइफल लगी थी और दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना 2000 की तदाद में टैंकों से लेस थी.
भारतीय सेना ने संख्या में कम होते हुए भी अपनी सुझबुझ और बहादुरी के दम पर इस लड़ाई को जीता था. 120 की कम संख्या के बाद भी 2000 पाकिस्तानियों को हरा देना किसी करिश्मे से कम नहीं था.
आज भी जब बॉर्डर पर सेना के जवान लड़ाई लड़ रहे होते हैं, तब हर जवान लोंगेवाला की लड़ाई को याद करता है. भारतीय सेना के इस अद्भुत जज्बे पर देश को नाज़ है.